नगर निगम चुनावो में महिलाओं को पुरुष प्रधान समाज मूर्ख बना रहा है - बेलन ब्रिगेड

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Published on : 14 Feb, 18 10:02

लुधियाना : नगर निगम चुनावों में कुछ दशक पहले वही लोग पार्षद का चुनाव लड़ते थे जो लोग समाज कल्याण के लिए कार्य दिलचस्पी रखते थे और सभी राजनैतिक पार्टिया भी को टिकट देती थी। यही कारण था कि वे लोग पार्षद बनकर भी बिना लालच और स्वार्थ के समाज सेवा करते थे।
बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने कहा कि आजकल चुनाव कमाई का धन्धा बन चूका है। लोग लाखों रुपए खर्च करके मात्र नगर निगम चुनाव की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए खर्च कर रहे है। लालच के कारण नगर निगम से मोटी कमाई देख कर सभी लोग पार्षद बंनने के चक्कर में घूम रहे है। इसलिए कई लोग अपनी पहुँच से, सिफारिश से या नोटों से राजनैतिक पार्टियो से टिकट प्राप्त करके पार्षद का चुनाव लड़ रहें हैं। इनमे कई ऐसे भी लोग है जो परिवार में एक ही पार्टी से दो दो टिकटें लेकर चुनाव लड़ रहें है।
वरिष्ठ कांग्रेसी महिला नेता शीला मशीह ने कहा कि सरकार महिलाओं को 50 प्रतिशत सीटों में आरक्षण देकर समाज में उन्हें पुरुषों के बराबर काम करने का अधिकार तो दे दिया है लेकिन चुनाव लड़ने वाली सोशल महिलाऐं बहुत कम हैं और जो महिला किसी पार्टी की वर्कर है फाइनेंस में कमजोर है उन्हें पार्टी टिकट नहीं देती। यही वजह है साहूकार राजनैतिक नेता अपनी घरेलू बीवियों को चुनाव लड़ा रहे है।
मैडम सुरेन्द्र कौर व कृष्णा सहोता ने बताया कि जो महिला वर्कर चाहे वह किसी भी राजनैतिक पार्टी की सदस्य है। उन्होंने कोई भी पार्टी टिकट नहीं देती और केवल पुरुष नेता ही अपनी बीवियों के लिए टिकटें लेकर और चुनाव जीतने के बाद उनके पति पार्षद बन कर नेतागिरी करते हैं। और यह कोई नारी सशक्तिकरण नहीं है। 50 प्रतिशत महिलाओं को नगर निगम चुनावों में आरक्षण केवल एक छलावा है। महिलाओं को पुरुष प्रधान समाज मूर्ख बना रहा है। इसके खिलाफ समाज की सभी महिलाओं के आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए ताकि आने वाले समय में वास्तव में महिला सशक्तिकरण हो और समाज का सुधार हो।
इस अवसर पर सुधा रानी और चंद्रकांता ने भी अपने अपने विचार रखे।
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