उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल का रंगारंग आगाज

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Published on : 10 Feb, 18 09:02

चार देशों के सात कलाकारों के सात सुरों से सजा तीसरा संगीत महाकुंभ

उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल का रंगारंग आगाज उदयपुर। बंदिशों ने दिल की ख्वाहिशों को आवाज दी तो मन मस्त मगन होकर गाने लगा। पता ही नहीं चला कि कब झूम उठे, कब अलमस्त हुए, कब रुह के परिंदे उत्साह से लबरेज हो गए तो कब खुद से पूछने लगे कि मन ये बता दे तूं, किस ओर चला है तूं...क्या पाया नहीं तूने, क्या ढूंढ रहा है तूं। गुनगुनाने, थिरकने और विश्व संगीत को आत्मसात करने का। मौका था उदयपुर में शुरू हुए शुक्रवार को वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल के रंगारंग आगाज का जिसमें संगीत की दुनिया के चमकते सितारे शंकर-अहसान और लॉय के संगीत तिकड़ी ने चुन-चुन कर शानदार और यादगार पेशकश के सितारे जमीं पर उतारे।
शंकर महादेवन ने अहसान और लॉय की धुनों पर अपने हिट नंबर्स पर ऊर्जा से लबरेज कर दिया। उन्होंने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत कर रॉकऑन से जब अपना सुर छेड़ा तो युवा दिल साथ में धडक़ने और थिरकने को मजबूर हो गया। स्टेज से ही बातों-बातों में गीतों की पेशकश और दर्शक दीर्घा से सुर में सुर मिलाते युवाओं का जोश देखते ही बन पड़ा। बार-बार कम ऑन-कम ऑन की अपील से हर दर्शक को गुनगुनाने लग गया। तालियों और हाथ उठाकर झूमने के सिलसिलों का भी भरपूर साथ मिला। शंकर महादेवन के गीत...दिल चाहता है,.... हां .. यही रस्ता है तेरा..तूने अब जाना है। हां यही सपना है तेरा..तूने अब जाना है। तुझे अब दिखाना है...लक्ष्य को...हर हाल में पाना है। मैंने जिसे अभी-अभी देखा है, कौन है वो अंजानी,,,,....पिटी वूमन।
कोई कहे, कहता रहे, कितना भी हमको दीवाना...हम लोगों की ठोकर में है ये जमाना को नई धुन में सुनाया। जब, साज है, आवाज है, फिर किस लिए हिचकिचाना, गाएंगे हम अपने दिलों का तराना। हम हैं नए..अंदाज क्यूं हो पुराना। लोचा-ए उल्फत हो गया। उफ तेरी अदा...कजरारे-कजरारे, तेरे कारे-कारे नैना...ने दर्शकों को जंपिंग जैक बना दिया। दर्शकों की जोरदार फरमाश पर ब्रेथलेस की बारी आई तो हर सुर ने सांसों को प्यार की खुशबू से महका दिया।
इससे पूर्व वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल के पहले दिन की शाम का आगाज करते हुए इटली की जैज एंड प्रोग्रेसिव आर्किफॉक परफॉर्मर ओई डिप्नोई के ट्रायो ने पारम्परिक और नई संगीत धुनों का मिश्रण करते हुए द्वीप की संगीत संस्कृति को जीवंत कर दिया। सिसिली आइलैण्ड के सिसिलियन म्यूजिक की प्रस्तुति में पे्रम को संगीत के माध्यम से जीवंत किया गया। साथी कलाकारों की नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को ऐसा मुग्ध किया कि वे भाषायी दीवारों से परे मस्त मगन होकर नाचने लगे। बांसुरी, डफली, गीटार सहित कई ब्राजीलियाई वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी दिलों पर छा गई। टिपिकल तरंग तेला डांस जब स्टेज पर हुआ तो दर्शकों में भी उसे कॉपी करने की होड़ मच गई। उसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में परफॉरमेंस के दौरान हाल ही में लांच की गई अपनी नई एलबम का सुंदर गीत सुनाया। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से इस वैश्विक संगीत का इस्तकबाल किया। एकॉर्डियन वाद्य यंत्र पर नुकांतरा धुन का जलवा देखते ही बना। दूसरी प्रस्तुति, फ्लाविया कोहेलो की थी। इसकी शुरुआत उनके प्रसिद्ध गीत वायो वायो वायो से हुई। कोहेलो ने ब्रा$जील में लोगों के बहुत जल्दी जल्दी बोलने के अंदाज को गाने के माध्यम से प्रस्तुत किया। यहां गिटार के सुरों पर संगीत प्रेमियों के कदम थिरक उठे। उन्होंने कहा कि उदयपुर आना सपने के सच होने जैसा है।
कार्यक्रम राजस्थान पर्यटन विभाग से मालविका सिंह, वेदांता हिन्दुस्तान जिंक से नीलिमा खेतान, वंडर सीमेंट से पी. पाटीदार उपस्थित थे। फेस्टिवल के निदेशक संजीव भार्गव ने इस मौके पर सभी अतिथियों एवं दर्शकों का अभिवादन करते हुए फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए सभी सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।
शनिवार को ये रहेंगे आकर्षक का केन्द्र
फेस्टिवल के निदेशक संजीव भार्गव ने बताया कि शनिवार 10 फरवरी सुबह 8 बजे के सत्र में आमेट की हवेली, अमराई घाट पर फ्रांस, स्पेन और ग्रीस के पेट्राकीस, लोपेज व कैमरिन का ट्रायो व सुभद्रा देसाई, दोपहर के सत्र में अमेरिका व भारत के शुभ सरन व दल तथा माटी बानी समूह के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। शाम को थाइलैण्ड के एशिया सेवन समूह की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम का आगाज होगा। बिपुल छत्री व ट्रेवलिंग बैंण्ड व अस्तित्व इंडिया की धूम मचेगी। उसके बाद फ्रांस के नो-जेज वैश्विक म्यूजिक के तराने छेड़ेंगे।
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