मेनार में स्वछतास्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां

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Published on : 12 Jan, 18 15:01

अनदेखी है या लापरवाही, मेनार में स्वछतास्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां

 मेनार में स्वछतास्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां मेनार l आमजन अपने घरों का कचरा कचरा पात्र में ही डालें , इधर उधर नहीं बिखेरें स्वच्छता अभियान का ध्यान रखें व गंदगी नहीं करें l कचरा पात्र में कचरा डालने से गंदगी नहीं फैलेगी और स्वच्छता बनी रहेगी कचरा डालने के लिए स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम पंचायत द्वारा कचरा पात्र करीब 3 माह पूर्व बनाकर मेला परिसर में लगाए गए हैं l शायद ग्राम वासियों से यही कहना चाहती है , यही अपील करना चाहती है भिंडर पंचायत समिति की मेनार ग्राम पंचायत क्योंकि गांव की गलियों और प्रमुख चौराहों पर कचरा पात्र नहीं रखकर 3 माह पूर्व मेले परिसर में रखे जोकि आज दिन तक वहीं वहीं पर पड़े हुए हैं l
......... पेश हमारे संवाददाता लोकेश मेनारिया की खास रिपोर्ट...................



एक और तो सरकार पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाकर देश को स्वच्छ बनाना चाहती है और इसके लिए हर सरकारी नुमाइंदे गांव व शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए जी-जान से लगे हुए हैं। लेकिन पंचायत समिति भिंडर की मेनार ग्राम पंचायत की स्वच्छता अभियान के प्रति घोर लापरवाही दिखाई दे रही है l आपको बता दें कि करीब 3 माह पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित पशु मेले में मीडिया में मामला उछलने के बाद आनन-फानन में पंचायत के कर्ताधर्ता द्वारा स्वच्छता अभियान हेतु 5 कचरा पात्र लाकर के मेला स्थल पर रखे थे l आज करीब तीन माह गुजर जाने के बाद भी मेला स्थल पर ही पढ़े हुए हैं l मेला परिसर मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ होने के साथ ही अटल सेवा केंद्र से सटा हुआ है तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि यहां गत 3 महीने से अधिकारियों का आना जाना नहीं रहा होगा जिससे उनको पता नहीं हो ऐसे में साफ जाहिर होता है कि पंचायत अथवा अधिकारी एवं कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं सिर्फ अपनी सीआर बढ़ाने के लिए कागजों में ही पूर्ति की जाती है जबकि 3 माह बाद भी मेला परिसर में आज तक पड़ा कचरा एवं कचरा पात्र यहां कि वास्तविकता बयान कर रहा हैl
उल्लेखनीय है कि किस तरह गंदगी फैली हुई है और 3 माह बाद भी कचरा पात्र जो कि गांव में गलियों में लगने चाहिए थी आज तक मेला परिसर में ही पड़े हुए हैं ऐसा भी नहीं है कि मेरे से भी आए नहीं होती होगी मेरे से भी अच्छी खासी आय होती है , इसके बावजूद भी स्वच्छता के तहत करीब 1 साल पूर्व स्वीकृत हुए करीब 13.50 लाख रुपए पंचायत के पास आ गए थे लेकिन उनका भी पंचायत के द्वारा कही उपयोग नहीं किया गया है l

इस बारे में अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहते हैं वही कैलाश मेनारिया ,चैतन्य प्रभु राधेकृष्ण सेवा संस्थान , संस्थापक ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत के कर्ताधर्ता एवं अधिकारीगण कोई सुनने वाला नहीं है कई बार उनके द्वारा ग्राम पंचायत एवं विकास अधिकारी के साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी इस बारे में अवगत कराया गया है किंतु किसने कोई ध्यान नहीं दिया साथ ही उन्होंने बताया कि इस पंचायत में कोई नरेगा के तहत कार्य करता है तो कार्य JCB से होता है एवं कर्मचारियों द्वारा जॉब कार्डधारियों से पैसे वापस मांगे जाते हैं नहीं देने पर उनका नरेगा के में काम स्वीकृत नहीं होता है इसके बारे में उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत भी की जा चुकी है l
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