बाडमेर जिले के कर्मवीर पुस्तक का हुआ विमोचन

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Published on : 06 Nov, 17 14:11

बाडमेर जिले के कर्मवीर पुस्तक का हुआ विमोचन बाडमेर। भारत की लोकतांत्र्कि व्यवस्था को मजबूत करने में पत्र्कारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए लोकतंत्र् में पत्र्कारिता को चौथा स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि मौजूदा दौर में पत्र्कारिता की गुणवत्ता में कमी आई है। मौजूदा दौर में पत्र्कारों के सामाजिक और व्यावसायिक उत्तरदायित्व भी बढ गए हैं। वरिष्ठ पत्र्कार एवं बीबीसी संवाददाता नारायण बारहठ ने रविवार को बाडमेर जिला मुख्यालय पर धोरा धरती परिवार की ओर से आयोजित बाडमेर के कर्मवीर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह बात कही।
इस दौरान नारायण बारहठ ने कहा कि लोकतन्त्र् की सफलता बहुत हद तक पत्र्कारिता की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। समाज में जो हुआ, जो हो रहा है, जो होगा, और जो होना चाहिए यानी जिस परिवर्तन की जरूरत है, इन सब पर पत्र्कार को नजर रखनी होती है। पत्र्कारिता का उद्देश्य सच्ची घटनाओं पर प्रकाश डालना है, वास्तविकताओं को सामने लाना है। इसके बावजूद पत्र्कारों से आशा की जाती है कि वह इस तरह काम करे कि ‘बहुजन हिताय’ की भावना सिद्ध हो। उन्होंने इस दौरान पत्र्कारिता के इतिहास एवं विविध पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बाडमेर के कर्मवीर पुस्तक के लेखन की सराहना की।
कार्यक्रम में पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गोली ने अपने जीवनकाल में पत्र्कारिता के साथ-साथ हर क्षेत्र् में योगदान दिया है और आज जिस पुस्तक का विमोचन वो किताब जाति-धर्म से हटकर अलग है। और जिले भर के 57 कर्मवीरों को ढूढ निकाला जिन्होने किसी न किसी क्षैत्र् में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और ऐसे ओर भी कर्मवीर होगे जो इस किताब नही है लेकिन उनको अपने क्षैत्र् में अपना कार्य निरन्तर जारी रखना चाहिए।
राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता कान्ति ठाकुर ने विमोचन कार्यक्रम में कहा कि मैने गोली के साथ सीमान्त क्षैत्र् में काम किया हुआ है उन्होने पत्र्कारिता के जरिये सीमा क्षैत्र् मे प्रशासन का योगदान दिया है।
चंचल प्रागमठ के गादीपति शम्भुनाथ सैलानी, वरिष्ठ साहित्यकार आईदानसिह भाटी, वेदान्ता महाप्रबंधक अयोध्याप्रसाद गौड, जेएसडब्लू के सीएसआर हैड विनोद विट्ठल ने अपने विचार व्यक्त किये।
अंत में सम्पादक शंकरलाल गोली ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए पुस्तक से जुडी कई बातो को बताया और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन मुकेश पचौरी ने किया।
बाडमेर जिले के 57 कर्मवीरों को जिन्होने आजादी के समय, युद्ध के समय, राजनीति, साहित्य, पत्र्कारिता, कशीदाकारी, नृत्यकला, सामाजिक समाजसेवी, मे अपना योगदान दिया था।
कार्यक्रम में शिक्षाविद् कमलसिह महेचा, राज्यमंत्री असरफ अली, आजाद सिह राठौड, पूर्व प्रधान शम्मा बानो, तेजदान चारण, राजेन्द्रसिह भीयाड सबलसिह भाटी, धर्मसिह भाटी, आदूराम मेघवाल, दिलीप पालीवाल, बलवंतसिह चौधरी अमृतकौर, दुर्गसिह राजपुरेाहित, मुकेश मथराणी, बलवंतसिह चौधरी, भागीरथ चौधरी, पुखराज गुप्ता, खुशलनाथ धीर, स्वरूपसिह खारा, जेठमल जैन, जगदीश खत्री पारसमल जैन, लक्ष्मण वडेरा, डॉ. शंकलाल जैन, डॉ. विमल सेठिया सहित सैकडो की तादाद में लोग मौजूद थे।



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