उर्वरक सब्सिडी के लिए डीबीटी योजना लागू

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Published on : 12 Oct, 17 08:10

केंद्र सरकार ने इस महीने से उर्वरक सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना शुरू की है। पहले चरण में इस योजना में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत सात छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।
उर्वरक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि दूसरे चरण में पंजाब, मध्य प्रदेश और आंध प्रदेश समेत अन्य 12 बड़े राज्यों में इसे अगले महीने लागू किया जाएगा और जनवरी 2018 तक इसे देश भर में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को सस्ते पोषक तत्व प्रदान करने के लिए सरकार को उर्वरक सब्सिडी के रूप में सालाना करीब 70,000 करोड़ रपए का बोझ उठाना पड़ता है। उर्वरक सब्सिडी के लिए डीबीटी भुगतान, रसोई गैस सब्सिडी के लिए लागू डीबीटी से थोड़ा भिन्न है।अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा, किसानों को अतिरिक्त बोझ न उठाना पड़े इसलिए उर्वरकों के लिए डीबीटी माडल लाया गया है। इससे किसानों को सब्सिडी दर पर उर्वरक प्राप्त होगा और सरकार कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान करेगी। रसोई गैस के लिये लागू डीबीटी व्यवस्था में, ग्राहकों को बाजार कीमत पर सिलेंडर खरीदना पड़ता है और बाद में सरकार ग्राहक के बैंक खाते में सब्सिडी जमा कराती है।अधिकारी ने बताया कि हालांकि उर्वरकों के मामले में ऐसा नहीं है, किसान अग्रिम भगुतान करने में सक्षम नहीं होता है, क्योंकि कुछ मृदा पोषक तत्व महंगे होते हैं। इसलिए, किसान खुदरा विक्रेताओं से सब्सिडी वाली दर पर उर्वरक खरीदेगा और लेनदेन की जानकारी प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन में दर्ज हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार खुदरा विक्रेताओं द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किए गए बिक्री डेटा की जांच के बाद कंपनियों को सब्सिडी जारी करेगी।उर्वरक सब्सिडी के लिए डीबीटी योजना एक अक्टूबर से सात राज्यों मिजोरम, नगालैंड, दिल्ली, पुडुचेरी, गोवा, दमन और दीव और दादर तथा नागर हवेली में लागू कर दी गई है।
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