धुंआधार रैली- -मुख्यमंत्री के नाम दिया जिला कलेक्टर को ज्ञापन-

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Published on : 06 Apr, 17 20:04

तहसील बनाने की मांग को लेकर कानोडवासियों का उदयपुर में ऐतिहासिक प्रदर्शन -200 कारों तथा 8 बसों में की

उदयपुर, कानोड को तहसील बनाने की मांग को लेकर गुरूवार को कानोड से 200 से अधिक वाहनों का काफिला रैली के रूप में उदयपुर पहुंचा। लगभग 500 महिलाओं सहित 2000 आन्दोलनकारियों ने जिला कलेक्ट्री पर आधे घंटे तक नारेबाजी के साथ जम कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बडी संख्या में पुरूषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ग्यारह सदस्यीय आंदोलनकारियों ने जिला कलेक्टर रोहित गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इनमें नगर पालिका अध्यक्ष अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष दर्शन शर्मा, पार्षद भवानीसिंह चौहान, बजरंगदास वैष्णव, कोमल चौधरी, संघर्ष समिति संरक्षक अनिल भानावत, कानोड राजघराने के राव योगेश्वरसिंह सारंगदेवोत, तुलसी अमृत निकेतन के संचालक शांतिचन्द्र बाबेल, स्थानीय प्रवक्ता डॉ. तुक्तक भानावत, पूर्व उपाध्यक्ष मनोज भानावत तथा जनता सेना नगर अध्यक्ष रतनलाल लक्षकार थे।
यहीं संघर्ष समिति के सदस्य दिनेश जोशी ने कहा कि यह आन्दोलन अब थमने वाला नहीं है। हम कानोड को तहसील बना कर रहेंगे चाहे इसके लिए हमें अपने प्राणों की आहूति ही क्यों न देनी पडे। तहसील के लिए कानोड का बच्चा-बच्चा कुर्बान होने को तैयार है। प्रेमशंकर कोजावत ने कहा कि कानोड के साथ जो विश्वासघात हुआ है उसका बदला लेकर रहेंगे। चान्द खां ने कानोड के साथ हुए सौतेले व्यवहार की याद दिलाई और विधायक रणधीरसिंह भीण्डर पर तंज कसते हुए कहा कि हम प्यार से आंख मिलाने का हुनर भी जानते हैं तो आंख से नफरत निकालना भी जानते हैं।
ठिकाने के राव योगेश्वरसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि रियासतकाल में कानोड तहसील हुआ करती थी और जिला सराडा था लेकिन रियासतों के एकीकरण के बाद कानोड को तहसील का दर्जा समाप्त कर दिया गया। पिछले तीस वर्षों में कई बार उग्र आन्दोलन हुए। पुलिस में मुकदमें भी दर्ज हुए। जब कानोड नगर पालिका के 15 से 15 वार्डों में भाजपा का परचम लहराया था तब भी इस मांग ने जोर पकडा था और 15 ही पार्षदों ने सरकार को अपने इस्तीफे सौंप दिये थे।
कानोड मित्र मंडल के संस्थापक डॉ. महेन्द्र भानावत ने कहा कि कानोड के इतिहास में ही नहीं बल्कि कानोडवासियों द्वारा उदयपुर में ऐसे जन आंदोलन का जलवा पहले कभी नहीं देखा गया जिसमें हर बच्चे, महिला तथा पुरुष ने बुलन्दगी के साथ तहसील खोलने का जौहर दिखाया। उन्होंने मित्र मंडल के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस अभियान में उन्मुक्त सहयोग दिया।
इससे पूर्व वाहन रैली प्रातः 11 बजे कानोड से रवाना हुई जो बडवई, भींडर, बांसडा, खैरोदा, भटेवर, डबोक, देबारी होते हुए दोपहर 2 बजे प्रतापनगर चौराहे पहुंची। यहां से रैली ठोकर चौराहा, कुम्हारों का भट्टा, दुर्गा नर्सरी, अशोक नगर, शास्त्री सर्कल, देहलीगेट होती हुई निगम प्रांगण में पहुंची। रैली के साथ पुलिस जाब्ते सहित महिला कमाण्डो भी चल रही थी। यहां से सभी कतारबद्ध होकर पैदलमार्च करते हुए सूरजपोल, बापू बाजार, देहलीगेट होते हुए कलेक्ट्री पहुंचे। रैली के दौरान महिला-पुरूषों ने हाथों में कानोड को तहसील बनाने सम्बन्धी नारे लिखी तख्तियां थी। कलेक्ट्री पहुंचते ही सभी ने ‘हम हमारा अधिकार मांगते / नहीं किसी से भीख मांगते।’ ‘यह तो पहली झांकी है / जयपुर दिल्ली बाकी है जैसे नारों से पूरे कलेक्ट्री को गूंजा दिया।
रैली में मुख्य रूप से नगर पालिका अध्यक्ष अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष दर्शन शर्मा, पार्षद भवानीसिंह चौहान, बजरंगदास वैष्णव, कोमल चौधरी, संघर्ष समिति संरक्षक अनिल भानावत, कानोड राजघराने के राव योगेश्वरसिंह सारंगदेवोत, तुलसी अमृत निकेतन के संचालक शांतिचन्द्र बाबेल, स्थानीय प्रवक्ता डॉ. तुक्तक भानावत, पूर्व उपाध्यक्ष मनोज भानावत, जनता सेना नगर अध्यक्ष रतनलाल लक्षकार, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुशीला टेलर, पूर्व रंजना बाबेल, पूर्व पार्षद राजकुमारी कामरिया, जनता सेना पार्षद कोमल कामरिया, जनता सेना के कार्यकर्ता फिरोज भाटी, नगर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप सोलंकी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष महावीर दक, दिनेश जोशी, भजनलाल श्रीमाली, पार्षद सरोज व्यास, आशा जोशी, वरजूबाई मीणा, बंशीलाल जारोली, शशिकला शर्मा, इन्द्रा जैन, सुभाष रांका, ख्यालिलाल बाबेल, गिरिजा शंकर व्यास बॉस, मणिशंकर व्यास, भूपेन्द्रकुमार चौबीसा, भगवतीलाल पुष्करणा, परसराम सोनी, शांतिलाल धींग, सुन्दरलाल जैन, जयप्रकाश व्यास, राजेन्द्र जैन, दिलीप बाबेल, लोकेश मल्हारा, लोकेश बाबेल, अशोक उपाध्याय आदि मौजूद थे।
4 किमी तक लम्बा था काफिला ः आंदोलनकारियों के वाहनों में इतने छोटे बडे वाहन शामिल थे कि सडक पर 4 किमी तक सिर्फ आन्दोलनकारियों के वाहन ही नजर आ रहे थे।
रैली का जगह- जगह हुआ स्वागत ः वाहन रैली का स्वागत करने के लिए कानोड से उदयपुर तक कई जगह लोग उत्सुकता पूर्वक खडे थे। देबारी चौराहे पर कानोड मित्र मण्डल के सदस्यों ने भावभीना स्वागत किया।
आज पूणर्तः बन्द रहा कानोड ः गुरूवार को कानोड के व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्णतः बन्द रहे। सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बन्द रख कर उदयपुर रैली में भाग लिया।

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