इंसाफ नही मिलने से दलितों ने सीएम से लगाई गुहार

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Published on : 30 Aug, 16 11:08

मुख्यमंत्री दलितों का खुद ही सर कलम करवा दें, गुण्डे अपराधियों की बलि न चढने दें

बाडमेर। दुश्कर्म, गृह अतिचार एवं खेतीबाडी से बेदखल करने के लिए जानलेवा हमले करने की गुण्डई करतूतों से आहत दलित समुदाय के लोगों को महापडाव के १३ वें दिन भी कोई इंसाफ नही मिलने से क्रुद्व दलितों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेज गुहार की हैं कि यदि वह न्याय नही दे सकती तो कम से कम तलवार के जरिए प्रताडत दलितों के सर कलम करवा दें ताकि वे नित्य नये गुण्डों एवं अपराधियों की बलि न चढें। सोमवार को मांगे पूरी नहीं होने से मजबूर होकर खेराजराम व चम्पालाल मेघवाल सणाउ क्रमिक अनशन पर रहे।
दलित अत्याचार निवारण समिति के बैनर तले कलक्टर कार्यालय के बाहर दर्जनों गंभीर अपराधों से पीडत सैकडों दलित महापडाव पर बैठे हुए हैं। पुलिस ने अभी तक मास्टरमाइंड अपराधियों को नामजद मामलों मे पकडा नही हैं सह अभियुक्तों व अनाम लोगों को कुछ मामलों मे पकडा हैं। रोजाना की बारिश से तालाब बने हुए मार्ग पर महापडाव पर बैठे दलितों को जोरदार मुश्कीलों का सामना करना पड रहा हैं। खेतीबाडी छोड कर न्याय के लिए धरने पर बैठे दलितों ने एससी आयोग को भी दखल देकर न्याय की मांग की हैं।
समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल ने बताया कि सोमवार को सीएम के नाम भेजे ज्ञापन मे हमने कहा हैं कि या तो हमें इंसाफ दो, नही तो फिर तलवार से ही हमारे सर कलम करवा दो ताकि अपराधी हमें नित्य नई गुण्डई हरकत से घायल नही करे। इधर धरना स्थल पर रोजाना की तरह हुई समिति की बैठक मे आंदोलन को अब तेज करने का निर्णय लिया गया हैं। प्रदेश भर के दलित संगठनों एवं नेताओं ने एकजुटता दिखाई और सहयोग का विश्वास दिलाया हैं। धरने को संबोधित करते हुए कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि जिले की पुलिस से अपराधियों में कोई भय नहीं हैं। पुलिस अपराधियों के साथ बैठकर चाय नाश्ता करती हैं तथा थानों में अपराधियों को कुर्सी पर बिठाया जाता हैं। जिसकी वजह से अपराधी बे-खोफ गुण्डा गर्दी कर दलितों व गरीबों पर सुपारी लेकर जान लेवा हमले कर कई दलितों की आखें निकाल दी कइयों के हाथ पैर तोड दिए तथा यहां पर जंगल राज जैसा माहौल पैदा कर दिया। दलितों में भय का माहौल पैदा हो गया हैं। और शासन के प्रति गहरी नाराजगी हैं। वक्त आने पर सरकार को इसका खामियाजा भोगना पडेगा। श्रवण चन्देल ने कहा कि जन प्रतिनिधि दलितों पर होने वाले जुल्मों का मौन रहकर तमाशा देख रहे है। मालाराम तंवर ने कहा कि इतनी विकट परिस्थितियों के बाद भी ग्रामीणों का मनोबल उंचा है जो यह दर्शाता है कि अब लोग जुल्म सहने को तैयार नहीं। उपप्रधान कुटलाराम ने आहवान किया कि आज १३ वें दिन भी महापडाव में रखी मांगे पूरी नहीं करने से आज क्रमिक अनशन की नौबत आयी है। आगे ज्यादा परीक्षा नहीं ले तो अच्छा है। मंच संचालन रूपाराम नामा ने किया। सभा को चेनाराम कानासर,रामदास सांगेला,लीलाराम सिंघारिया, पूर्व सरपंच नरसिंगाराम सूदरा,छुगाराम पंवार, मांगीलाल मंसूरिया, भूराराम भील, विरधाराम कोडेचा सोखरू, टाउ राम बोस ने सम्बोधित किया। महापडाव स्थल पर पूर्व सरपंच बांकाराम नामा, किशन मंसूरिया, पार्षद सोहन मंसूरिया, शंकराराम चौहटन, हमीराराम हडवा, बाबूराम, नखताराम देदूसर, खेतेश कोचरा, हमीराराम आटी,सवाईराम बामनिया,तगराज नामा,अचलाराम पंवार बायतू ,ताम्बलाराम सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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