आकाश पर चमका एक रूहानी सितारा

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Published on : 23 Jan, 15 10:01

परमेश्वर द्वारा धरती पर इंसानी रूप में भेजे गए पैगम्बरों और अवतारों में से एक थे प्रभु यीशू मसीह। जिस तरह परमेश्वर की सृजना नहीं हुई ठीक उसी तरह मसीह भी हैं जिनका न कोई शुरू और न ही अंत है। प्रभु यीशू मसीह की आमद से 700 वर्ष पहले यशाया नबी ने मसीह के बारे में भविष्यवाणी की थी जिसके बारे में पवित्र बाईबल में इस तरह लिखा गया है कि प्रभु अर्थात परमेश्वर तुम्हें एक निशान देगा। देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी। वे उसका नाम इमानुएल रखेंगे।

इस भविष्यवाणी की पुष्टि युहन्ना नबी ने मसीह के जन्म के समय की। युहन्ना नबी ने कहा कि देहधारी हुआ शब्द का वर्णन मसीह के जन्म से हजारों वर्ष पहले लिखी गई पवित्र बाईबल को प्राचीन पुस्तक ‘उत्पत्ति’ में किया गया है। इसमें ऐसा लिखा गया है आदि में शब्द था। शब्द परमेश्वर के साथ था, शब्द ही परमेश्वर था, यहां ‘शब्द’ प्रभु यीशू मसीह के लिए प्रयोग किया गया था।

कैसर ओगस्तस की हुकूमत में यहूदिया के बादशाह हैरोदीस जो अपने आपको परमेश्वर कहता था, अपनी प्रजा पर अत्यंत जुल्म ढा रहा था। उस समय परमेश्वर ने उन मजलूम लोगों को हैरोदीस के जुल्मों से राहत दिलवाने के लिए अपने सबसे प्यारे और पहले बेटे (शब्द) यीशू मसीह को इस संसार में भेजा। जिस तरह परमेश्वर सृजा नहीं गया उसी तरह मसीह भी हैं। जैसे परमेश्वर आदि अर्थात शुरू से है उसी तरह मसीह भी है जिसका न कोई शुरू और न कोई अंत है। वह अद्वितीय हैं। प्रभु यीशू मसीह के जन्म के बारे में पवित्र बाईबल में इस तरह लिखा गया है यीशू की माता मरियम की एक बढ़ई यूसुफ के साथ मंगनी हो चुकी थी और उनके इकट्ठे होने से पहले पवित्र आत्मा से मरियम गर्भवती पाई गई जबकि उसका पति यूसुफ जो बड़ा धार्मिक मनुष्य था वह नहीं चाहता था कि उसको कलंकित करे।

उसने यह दलील बनाई कि वह मरियम को चुपचाप छोड़ देगा। जब यूसुफ इस सोच में डूबा हुआ था तो परमेश्वर के दूत ने स्वप्र में उसे दर्शन देकर कहा हे यूसुफ दाऊद के पुत्र तू अपनी मंगेतर मरियम को घर लाने से न डर क्योंकि जो उसकी कोख में है वह पवित्र आत्मा से है। वह पुत्र जनेगी। तू उसका नाम यीशू रखना। वह अपने लोगों को पापों से बचाएगा। यह सब इसलिए हुआ कि जो प्रभु ने नबी की जुबानी कहा था पूरा हो।

उन दिनों जब मरियम गर्भवती थी तो कैसर ओगस्तस की हुकूमत द्वारा रायशुमारी के लिए यरूशलम के शहर बैतलहम जाकर अपना नाम लिखवाने के लिए कहा गया जिसके तहत मरियम और यूसुफ को वहां जाना पड़ा। वहां उनको ठहरने के लिए कोई जगह न मिलने पर उनको तबेले में ठहरना पड़ा। वहां यीशू का जन्म हुआ। जब यीशू का जन्म हुआ तो आसमान पर एक रूहानी सितारा दिखाई दिया जिसकी रोशनी को देखकर सारा संसार जगमगा उठा। इस रूहानी सितारे की चकाचौंध-रोशनी को देखकर संसार की चारों दिशाओं से भविष्यवक्ताओं ने अपने ज्योतिष ज्ञान द्वारा पता लगाया कि वह हस्ती कहां पैदा हो सकती है। तो चारों ज्योतिषी अपने-अपने देश से उस महान हस्ती (यीशू) की तलाश में निकल पड़े। इस तलाश में रूहानी सितारे ने उनकी सहायता की।

यीशू मसीह 33 वर्ष तक इस दुनिया में रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक आश्चर्यजनक कार्य किए। अंधों को आंखें दीं, मुर्दों को जिंदा किया, बीमारों को चंगाई दी और पांच रोटियों से हजारों की भीड़ को भोजन कराया। ये सब कार्य उन्होंने जादू से नहीं श्रद्धालुओं के विश्वास और परमेश्वर की मर्जी से किए।
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