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साधारण सावधानियों और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन संक्रमण में कमी लाने में प्रभावी होगा

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29 Oct 20
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साधारण सावधानियों और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन संक्रमण में कमी लाने में प्रभावी होगा

नई दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 की तैयारियों और कोविड अनुकूल व्यवहार सुनिश्चित करने के उपायों की तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सी. विजय भास्कर और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज चर्चा की।

कोविड-19 के खिलाफ जन-आंदोलन विकसित करने के प्रधानमंत्री के आह्वान को दोहराते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “राज्य में लोगों के बीच मास्क पहनने, आपसी सुरक्षित दूरी रखने और बार-बार हाथ धोने के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। आने वाले त्योहार के मौसम में अधिक जोखिम हो सकता है, जिससे अब कोविड-19 के खिलाफ प्राप्त सफलता को नुकसान पहुंच सकता है। हम सभी को अगले तीन महीनों में सतर्क रहना होगा। साधारण कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन कोरोना के प्रसार में कमी लाने में कारगर रहेगा। प्रधानमंत्री का मास्क पहनने, आपसी दूरी रखने और बार-बार हाथ धोने का संदेश सभी लोगों तक पहुंचाना चाहिए।”

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “देश में कोविड के मानदंडों में महत्वपूर्ण सुधार आया है। मामलों और मृत्यु की संख्या में कमी आ रही है। नये मामलों में भी गिरावट आई है। इस समय सक्रिय मामले 6,10,803 हैं। भारत में रिकवरी दर 90.85 प्रतिशत है, जो कि विश्व में सबसे अधिक है। मृत्यु दर में कमी आ रही है और इस समय 1.50 प्रतिशत है। इस समय देश में 2000 से अधिक प्रयोगशालाएं जांच का काम कर रही हैं।”

कोविड के मानदंडों की तमिलनाडु और देश के साथ तुलना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि तमिलनाडु की रिकवरी दर 94.6 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय रिकवरी दर से अधिक है। तमिलनाडु की मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत से समान है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने तमिलनाडु में हॉट्सपॉट का पता लगाने के लिए आरोग्य सेतु ऐप और इतिहास ऐप के सक्रिय उपयोग की सराहना की। सक्रिय मामलों में कमी लाने के राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने चेन्नई, चेंगलपट्टु, कोयम्बतूर, तिरूवल्लुर, सेलम, कांचीपुरम और कुडालुर जिलों में कोविड के मामले बढ़ने पर चिंता व्यक्त की, इन जिलों में रोग का बोझ अधिकतम है। डॉ. हर्ष वर्धन ने उन जिलों के अधिकारियों से बात की, जिनमें सक्रिय मामले कम हो रहे हैं या मृत्यु दर बढ़ रही है।

राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि उन्होंने अब तक 2 लाख से अधिक टेली-कंसल्टेशन किए हैं, जो कि किसी भी राज्य से अधिक है। राज्य में कुल 96,60,430 जांच की गई हैं, जिनमें से 98.99 प्रतिशत जांच आरटी-पीसीआर से की गई। जांच की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष स्क्रीनिंग केन्द्र और जांच शिविर लगाए गए हैं। सप्ताह में तीन बार डेथ ऑडिट किया जाता है। विशेष कोविड एम्बुलेंस के साथ ऑक्सीजन सुविधा, राज्य विशिष्ट सर्विलांस रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म और फीवर क्लीनिक राज्य की श्रेष्ठ प्रक्रियाएं हैं। अधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री को जन-आंदोलन के अंतर्गत संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 41 से 60 आयु समूह के लोगों पर फोकस करने के महत्व को रेखांकित किया। इस समूह से संक्रमण के अधिक दर और राज्य में लगभग 30 प्रतिशत मृत्यु होने का पता चलता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन रोगियों पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है, जिन्हें एक साथ कई बीमारियां हैं। इसके अलावा कोविड उपचार के प्रोटोकॉल में उच्च जोखिम की श्रेणी को शामिल किया जाना चाहिए। 

बैठक में मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती आरती आहूजा, केन्द्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक डॉ. सुजीत के. सिंह मौजूद थे, तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।


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