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मुद्रा योजना में 9 करोड़ लाभार्थियों में से 7 करोड़ महिलाओं को ऋण

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08 Jan 18
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मुद्रा योजना में 9 करोड़ लाभार्थियों में से 7 करोड़ महिलाओं को ऋण जयपुर, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार की मुद्रा योजना बेहद कारगर साबित हुई है। इसी योजना का परिणाम है कि 67 फीसदी महिलाओं को केंद्र सरकार की गारंटी पर इस मुद्रा योजना के तहत ऋण मुहैया करवाया गया है। इस सफलता को दृष्टिगत रखते हुए केंद्र सरकार मुद्रा योजना की राशि में बढ़ोतरी भी कर रही है। यह बात जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इंडिया इंडस्ट्रीयल फेयर-2018 के दौरान 'वीमन एंटरप्रिन्योर समिट न्यू इंडिया विषय पर आयोजित तकनीकी सत्र के दौरान कही।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि देश में 50 फीसदी आबादी महिलाओं की होने के बावजूद महज 14 फीसदी महिलाएं ही स्वयं का रोजगार कर रही हैं। मेघवाल ने कहा कि सबसे ज्यादा स्किल महिलाओं में है, लेकिन हमने इसे उपेक्षित किया है। इसके लिए हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें संबल प्रदान करना होगा। उन्होंने बताया कि कृषि, पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बहुत ज्यादा है, लेकिन अन्य प्रकार के व्यवसायों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद्र सरकार वर्ष-2022 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में खड़ा करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की योजनाएं अब वुमन सेंट्रिंक हो रही हैं। श्री शेखावत ने कहा कि देश में स्वरोजगार की मानसिकता बने, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी योजनाएं ला रहे हैं। शेखावत ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 9 करोड़ लोगों को ऋण दिया गया है जिसमें 7 करोड़ केवल महिला एन्टरप्रिन्योर हैं। उन्होंने मिजोरम और जोधपुर की अभावग्रस्त महिला उद्यमियों की सक्सेस स्टोरीज को साझा किया और बताया जिन्होंनें मुश्किलों से लड़कर आज बेहतरीन ढंग से अपना व्यवसाय कर रही हैं।
इस दौरान बतौर पैनलिस्ट शामिल हुई लघु उद्योग भारती की कौशल विकास विंग की राष्ट्रीय सचिव अंजू बजाज ने कहा कि हरेक महिला में क्षमता और दक्षता दोनों है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि उन्हें उचित प्लेटफार्म मिले। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को अगर अपने काम को बढ़ाना है, तो उसे अपने सामाजिक दायरे को भी बढ़ाना होगा।
एनएमडीसी की डायरेक्टर भगवती बल्देवा ने कहा कि महिला अपने वर्क लाइफ को बैलेंस करके भी अपने कारोबार को बेहतरीन ढ़ंग से कर सकती है। एलयूबी की अखिल भारतीय महिला प्रमुख व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्मिता गैसास ने कहा कि स्किल डपलपमेंट में महिलाओं का प्रमुख योगदान होता है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिला उद्यमी रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं का व्यापार करती हैं, लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन देकर अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इस मौके पर कर्नाटक की सफल उद्यमी छाया नजप्पा ने अपनी सफलता की कहानी बताई।
नेशनल यूएस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स (यूएस) की सीईओ पूर्णिमा वोरिया ने भारत व अमेरिका में औद्योगिक विकास में महिलाओं की भागेदारी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की जरूरत है। जेपी मॉर्गन चेज (हांगकांग) की एमडी शीलेष शेखावत ने भारत के औद्योगिक विकास में महिला उद्यमियों की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में डवलपमेंट ओरिएंटिड योजनाएं बनाई हैं जिनके अब सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि लगन व डेडीकेशन हो, तो किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए सबसे जरूरी है घर में ऐसा वातावरण बने कि महिलाएं लाइफ में वर्क बैलेंस कर स्वरोजगार के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ कर सकें।
वीमन एंटरप्रिन्योर अवॉर्ड से नवाजा
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल व गजेंद्र सिंह शेखावत ने छह महिला उद्यमियों कर्नाटक की कल्पना नागराजन व शैलजा एरा विट्ठल, छत्तीसगढ़ की सिप्पी दुबे, महाराष्ट्र की स्नेह लोनी, राजस्थान की बिंदू जैन व मंजू सारस्वत को प्रशस्ति-पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन लघु उद्योग भारती, जयपुर अंचल की महिला विंग की अध्यक्ष मंजू सिंह ने किया।
आज का दिन महिला सशक्तिकरण के नाम रहा. वीमन एंटरप्रिन्योर विषयक टेक्निकल सेशन, वीमन एंटरप्रिन्योर अवॉर्ड और फिर फैशन शो के माध्यम से महिलाओं की प्रतिभा, कौशल और नेतृत्व को मुखरता से स्थापित किया गया.
फैशन शो का जलवा
आधुनिक युग की महिलाओं की सृजनात्मक कला को दिखाने के लिए आईआईएफ -2018 में एक फैशन शो भी आयोजित किया गया जिसमें चार प्रमुख डिजाइनिंग संस्थान शामिल थे जिनमें एआरच इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, बिजनेस और रिसर्च पर्ल अकादमी फैशन डिजाइनिंग, आईएनआईएफडी और रामास ने अपनी नवीनतम कृतियों और डिजाइनिंग के अनूठे काम पेश किये जिसमें एआरच के पास कुल 6 संग्रह थे और पर्ल और INIFD के 7संग्रह थे, प्रत्येक संग्रह के लिए अलग-अलग शो स्टापर थे जबकि आर्च अकादमी 'कोमल महेचा' मिस्त्री राजस्थान 2015 को शो स्टापर के रूप में चलना होगा। पूरा सत्र में उत्साह और उत्तेजना के साथ वास्तविक महिला शक्ति से भरा था।
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