जिला कलक्टर रुक्मणि रियार की अध्यक्षता में गुरूवार को पर्यटन विकास के विभिन्न मुद्दों के साथ ही इस वर्ष बूंदी उत्सव की रजत जयंती यादगार रूप में मनाने पर व्यापक मंथन हुआ। जिला कलक्टर ने कहा कि ऐसे प्रयास किए जाए कि पर्यटक यहां से सुनहरी यादें लेकर जाएं और अन्य पर्यटकों को भी यहां आने के लिए प्रेरित करें।
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास एवं सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव नए सिरे से बनाए जाएं। उन्हें उन स्थलों के अनुरूप साज सज्जा से निखारा जाए। इन स्थलों पर मौजूदा सुविधाओं को दुरूस्त किया जाए तथा सड़कों की हालत सुधारी जाए। प्रमुख स्थलों के पास खाली जगहों पर सौंदर्य बोध हेतु पौधोरापण कर आकर्षक बनाया जाए।
25वें साल में बूंदी उत्सव को दें नया कलेवर
25वें वर्ष में प्रविष्ट हुए बूंदी उत्सव को अधिक आकर्षक बनाने तथा अधिकाधिक जनभागीदारी बढ़ाने पर व्यापक चर्चा हुई। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि इस बार बूंदी उत्सव को नया कलेवर दिया जाए। इसके तहत शोभायात्रा में कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुतियां हो। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की परम्परा से जुड़ी प्रस्तुतियां हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन प्रमुख पर्यटन स्थलों पर हो ताकि उनकी शोभा बढ़े व पर्यटक उनके सौंदर्य को निहार सकें। मान मनुहार कार्यक्रम के साथ ही पर्यटकों को यहां बनने वाली लाख की चृूडियों, कोटा डोरिया, मिट्टी के बर्तन आदि के निर्माण का जीवंत प्रदर्शन भी किया जाए। साथ ही पर्यटकों को उनकी रूचि के अनुरूप परम्परागत भोजन बनाने का भी जीवंत प्रदर्शन होटल संचालकों के सहयोग किया जाए।
भरे जाएं उत्सव में नए रंग
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि दीपदान के साथ ही 25वें वर्ष के प्रतीक वाली पतंगे और लालटेन उड़ाकर इस आयोजन में नए रंग भरे जाएं। उन्होंने समिति सदस्यों से अनुरोध किया कि आयेाजन को और बेहतर बनाने के सुझाव दें, ताकि उन्हें शामिल करते हुए उत्सव को यादगार बनाया जा सके।
बैठक में उपखण्ड अधिकारी कमल कुमार मीणा, इंटेक संयोजक विजयराज सिंह, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य राजकुमार दाधीच, उपनिदेशक क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय कोटा विकास पंड्या, पुरातत्व विभाग कोटा के वृत अधीक्षक उमराव सिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, होटल व्यवसाय एसोसिएशन अध्यक्ष सुशील मेहता, भंवर सिंह, सहित अन्य अन्य मौजूद रहे। सहायक पर्यटनक अधिकारी प्रेमशंकर ने बैठक का एजेंडा सदन में रखा।
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