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देश को युवाओं से बड़ी आशा,व्यक्तितव विकास पर ध्यान दें

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13 Jan 19
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल,कोटा/स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवाओं के लिए पूर्ण प्रासंगिक हैं।भारत 65 करोड़ युवाओं का देश है और देश को युवाओं से बड़ी आशा है। योवाओं को अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देना होगा। अपनी क्षमता के अनुरूप विकास करना होगा। यह विचार गुरुवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग मैनेजमेंट के प्रोफेसर(वित्त) कर्नल संजय भाटिया ने मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। संगोष्टि का आयोजन संभाग के कोटा स्थित सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय द्वारा सभाकक्ष में विवेकानंद की जयंती कार्यक्रमों की श्रंखला में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां शारदा एवम विवेकानंद के चित्र पर माल्यर्पण एवम दीप प्रज्वलित कर एवम मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया।
   अध्यक्षता करते हुए जयपुर के एएलएम की एसोसिएट प्रोफेसर विधि डॉ. अनिता गंगराडे भी युवाओं को अपने कैरियर पर ध्यान देने,शिक्षित होने के साथ प्रशिक्षित होनेएवम नई टेक्नोलॉजी को अपनाने पर बल दिया। विशिष्ठ अतिथि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के सेवा निवर्त संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ,नीरज यादव, सीमा घोष, एवम डॉ. प्रीतिमा व्यास ,वैभव शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
      प्रारम्भ में पुस्तकालय  अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने युवा दिवस का महत्व  और युवाओं के बारे में विवेकानंद के विचार बताये। कार्यक्रम का संयोजन शशि जैन ने किया। अतिथियों का पुस्तकालय की और से मैडल पहना कर,तिलक लगा कर एवम माल्यर्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन के.बी.दिक्षीत ने किया।


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