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सरकार बदलते ही स्मार्ट मीटर हटाऐगे कह कर, पल्ला न झाडे सरकार को झुकाए धारीवाल

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21 Aug 18
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सरकार बदलते ही स्मार्ट मीटर हटाऐगे कह कर, पल्ला न झाडे सरकार को झुकाए धारीवाल डॉ.प्रभात कुमार सिंघल,कोटा/ निजी बिजली कंपनी के स्मार्टमीटर के खिलाफ लगातार बढ रहे जनआक्रोश के बाद भी सरकार कोई कदम नही उठा रही है सरकार बदलते ही सबसे पहले काम कांग्रेस की सरकार में इस स्मार्ट मीटर को हटाने का करेगे । धारीवाल केवल यह कह कर पल्ला न झाडे वरन् बड़ा आंदोलन कर सरकार को झुकाये और जनता को राहत पहुचाये।
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने जारी एक बयान में कहा है कि लगातार जनआक्रोश स्मार्ट मीटर के चलते बढता जा रहा है ओर यही हालात रहे तो कानून व्यवस्था बिगड सकती है। ऐसे में अब वे स्वंय मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस पुरे मामले में अवगत करवाकर जनता को राहत दिलवाने की मांग करेगे।
धारीवाल ने निजी बिजली कंपनी से सवाल भी पुछे है कि आखिर पुराने सरकारी मीटरर्स में क्या खराबी थी जिनको कंपनी ने आते ही हटाया ओर जो स्मार्ट मीटर क्यो लगाए गए ओर उनका कंटोल क्यों कंपनी ने हैड आंफिस में क्यो रखा है। मंत्री धारीवाल ने स्मार्ट मीटर की रिडिंग मीटर रीडर उपभौक्ताओ के सामने क्यों नही लेते अपने मर्जी से ही स्मार्ट मीटर की रिडिंग को संचालित किया जा रहा है ।
धारीवाल ने कहा कि जनता को बेहतहाशा बिलो में हुई बढौत्तरी बता रही है कि कंपनी सिर्फ ओर सिर्फ लुट के इरादे से कोटा आई है । हम सरकार को चेतावनी दे रहे है कि अभी तो हालात उतने नही बिगडे है लेकिन लगातार बढ रहा जनाक्रोश कानून व्यवस्था बिगाड सकता है ऐसे में अब सरकार पहल करके जनता को जल्द राहत पहुचाए ।
चोरी ओर छीजत झालावाड ओर धोलपुर में तो स्मार्टमीटर कोटा में क्यो ? पूर्व मंत्री धारीवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेशभर में से सिर्फ कोटा की जनता को ही परेशान करने के लिहाज से स्मार्ट मीटर कोटा मे लगाए गए है जबकि सरकार कहती है कि सबसे ज्यादा बिजली की चोरी ओर छीजत झालावाड ओर धोलपुर जिले में है लेकिन फिर भी वहॉ स्मार्ट मीटर नही लगाए गए । सरकार बताए कि आखिर यह कोनसा दंड कोटा की जनता को सरकार दे रही है कि ठेका कंपनी को इतनी खुली छुट दे दी कि वो मनमर्जी से जनता को लुटे।
धारीवाल ने कहा कम्पनी की मनमानी और सरकार की चुप्पी समझ से परे है। जब कंपनी कहती है कि दोनों मिटरो में कोई अन्तर नही है तो स्मार्ट मीटर पर ही अड़ना क्यों। जब जनता ही नही चाहती तो सरकार क्यों नही वापस पुराने सरकारी मीटर लगाने के आदेश जरी कर कोटा की जनता को राहत पहुचाये।
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