जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) {#यह सेवा जिन सज्जनों के लिए काम आ सके तदर्थ है।ज्योतिर्विद- सुविज्ञों के लिए आवश्यक नहीं# }
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षाचार्य , Rtd RES, भाषात्रयी आशुसाहित्यकार)
Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके -(आँग्ल) 16/10/2021, शनिवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 24/07/1943
24 आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
28/06
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
26/07/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
एकादशी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
तिथि एकादशी17:37:01
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र धनिष्ठा09:20:45
योग गण्ड22:39:22
करण विष्टि भद्रा17:37:02
करण बव29:34:30*
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्यराशि कन्या
सूर्योदय06:35:35
सूर्यास्त18:07:42
दिन काल11:32:06
रात्री काल12:28:21
चंद्रोदय15:55:53
चंद्रास्त27:27:49*
सूर्योदयलग्न कन्या28°44' ,
सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र धनिष्ठा
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण4 गे धनिष्ठा09:20:45
1 गो शतभिषा 15:26:06
2 सा शतभिषा 21:33:03
3 सी शतभिषा 27:41:35*
मुहूर्त
राहु काल09:29 - 10:55अशुभ
यम घंटा13:48 - 15:15अशुभ
अभिजित्11:59 -12:45शुभ
दूर मुहूर्त08:08 - 08:54अशुभ
पंचक अहोरात्र
चोघडिया, दिन
काल 06:36 - 08:02 अशुभ
शुभ 08:02 - 09:29 शुभ
रोग 09:29 - 10:55 अशुभ
उद्वेग 10:55 - 12:22 अशुभ
चर 12:22 - 13:48 शुभ
लाभ 13:48 - 15:15 शुभ
अमृत 15:15 - 16:41 शुभ
काल 16:41 - 18:08 अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 18:08 - 19:41 शुभ
उद्वेग 19:41 - 21:15 अशुभ
शुभ 21:15 - 22:48 शुभ
अमृत 22:48 - 24:22* शुभ
चर 24:22* - 25:55* शुभ
रोग 25:55* - 27:29* अशुभ
काल 27:29* - 29:03* अशुभ
लाभ 29:03* - 30:36* शुभ
होरा, दिन
शनि06:36 - 07:33
बृहस्पति07:33 - 08:31
मंगल08:31 - 09:29
सूर्य09:29 - 10:26
शुक्र10:26 - 11:24
बुध11:24 - 12:22
चन्द्र12:22 - 13:19
शनि13:19 - 14:17
बृहस्पति14:17 - 15:15
मंगल15:15 - 16:12
सूर्य16:12 - 17:10
शुक्र17:10 - 18:08
होरा, रात
बुध18:08 - 19:10
चन्द्र19:10 - 20:12
शनि20:12 - 21:15
बृहस्पति21:15 - 22:17
मंगल22:17 - 23:20
सूर्य23:20 - 24:22*
शुक्र24:22* - 25:24*
बुध25:24* - 26:27*
चन्द्र26:27* - 27:29*
शनि27:29* - 28:31*
बृहस्पति28:31* - 29:34*
मंगल29:34* - 30:36*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध - पाशांकुशा एकादशी सर्व। बुधोदय। भरत मिलाप। पंचक। दक्षिण व ऊर्ध्व अंतरिक्ष ओजोन मंडल ऊँचे भूभागांग दिशाएँ प्रभावित। जनहित योजना । अप्रियता टुट फुट अनावश्यक कार्य पुनरावृत्ति योग ।शिक्षा-तकनीकी एवं विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स उच्चांक प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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मेष वृष कन्या सिंह राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , कर्क वृश्चिक मीन के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - मिश्रित 63 %
वृष. - मिश्रित 61 %
मिथुन - सुधार 59 %
कर्क. - अवरोध 59 %
सिंह. -मिश्रित 63 %
कन्या. - ठीक ठाक 59 %
तुला. अच्छा 63 %
वृश्चिक. परेशानी 67 %
धन. - अनुकूल 67 %
मकर. - लाभदायक65 %
कुंभ. - सुधार 61 %
मीन. - अवरोध 59 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.मिश्रित
फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
मेष - - अनुकूलता
वृष - - - -अच्छा
मिथुन - - - - - - अनुकूलता
कर्क - - - - - उलझन
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार
तुला - - - - परेशानी
वृश्चिक - - - - उलझन
धन - - - - - - - -लाभोदय
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - सुधार
मीन - - - - - - परेशानी
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो , तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता, आप्राण विधि- प्रलेख।। )}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर