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जीवोत्थान - पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) 16/04/2021 , शुक्रवार

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15 Apr 21
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जीवोत्थान - पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)  16/04/2021 , शुक्रवार

Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman 
दिनांके -(आँग्ल) 16/04 /2021,
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक  26 /1/1943
26चैत्र 1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
02/01 /1955885122#(#पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)  
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
19/01 /2078 
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि 
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष
चैत्र
तिथि चतुर्थी17:05:09
पक्ष शुक्ल
 नक्षत्र रोहिणी22:38:48
योग सौभाग्य17:21:34
करण विष्टि भद्रा17:05:09
वार शुक्रवार
माह (अमावस्यांत)चैत्रः 
माह (पूर्णिमांत)चैत्रः 
चन्द्र राशि   वृषभ 
सूर्य राशि  मेष
सूर्योदय05:15:01
सूर्यास्त17:57:26
दिन काल12:42:25
रात्री काल11:16:40
चंद्रोदय07:50:50
चंद्रास्त21:44:27
सूर्योदयलग्न
 मेष2°7' , 
सूर्य नक्षत्र अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र रोहिणी
पद, चरण2 वा रोहिणी09:06:05
3 वी रोहिणी15:52:47
4 वु रोहिणी22:38:48
मुहूर्त
 राहु काल10:01 - 11:36अशुभ
यम घंटा14:47 - 16:22अशुभ
अभिजित्11:11 -12:02शुभ
दूर मुहूर्त07:48 - 08:38अशुभ
दूर मुहूर्त12:02 - 12:52अशुभ
चोघडिया, दिन
चर05:15 - 06:50शुभ
लाभ06:50 - 08:26शुभ
अमृत08:26 - 10:01शुभ
काल10:01 - 11:36अशुभ
शुभ11:36 - 13:12शुभ
रोग13:12 - 14:47अशुभ
उद्वेग14:47 - 16:22अशुभ
चर16:22 - 17:57शुभ
चोघडिया, रात
रोग17:57 - 19:22अशुभ
काल19:22 - 20:47अशुभ
लाभ20:47 - 22:11शुभ
उद्वेग22:11 - 23:36अशुभ
शुभ23:36 - 25:00*शुभ
अमृत25:00* - 26:25*शुभ
चर26:25* - 27:50*शुभ
रोग27:50* - 29:14*अशुभ
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)  
शुक्र05:15 - 06:19
बुध06:19 - 07:22
चन्द्र07:22 - 08:26
शनि08:26 - 09:29
बृहस्पति09:29 - 10:33
मंगल10:33 - 11:36
सूर्य11:36 - 12:40
शुक्र12:40 - 13:43
बुध13:43 - 14:47
चन्द्र14:47 - 15:50
शनि15:50 - 16:54
बृहस्पति16:54 - 17:57
होरा, रात
मंगल17:57 - 18:54
सूर्य18:54 - 19:50
शुक्र19:50 - 20:47
बुध20:47 - 21:43
चन्द्र21:43 - 22:39
शनि22:39 - 23:36
बृहस्पति23:36 - 24:32*
मंगल24:32* - 25:29*
सूर्य25:29* - 26:25*
शुक्र26:25* - 27:21*
बुध27:21* - 28:18*
चन्द्र28:18* - 29:14*
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विशेष विवेचन -     आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध  - श्री गणेश दमनकचतुर्थी ।रवियोग। वायव्य दिशा प्रभावित। न्याय जलोत्थान- जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स अन्य  प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
##################
जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान   
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य)   (एकन्दर राशि फल बोध 
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मकर वृश्चिक  राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित ,तुला मिथुन कुंभ   के लिए अड़चन फलद समय  तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - - - - - - - - - समेकित फलानुमान 
मेष           -  सुधार 61     %
वृष.     -    मिश्रित 58    %
मिथुन.        -  अवरोध 56    %
कर्क.    -    लाभदायक65   %
सिंह.   -सुधार 68     %
कन्या.      -    अच्छा 63   %
तुला.           -    परेशानी 67  %
वृश्चिक.         -    मिश्रित 58   %
धन.             -      मिश्रित 63      %
मकर.           -     उलझन 58   
कुंभ.              -     अवरोध 59    %
मीन.           -       मिश्रित 63    %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः मिश्रित     है। 
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि  समेकित फलानुमान-
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(अप्रेल उत्तरार्द्ध ) 
मेष - - आंशिक सुधार 
वृष - - - - -परेशानी 
मिथुन - - - - - -   कुछ लाभदायक
कर्क - - - - -     उन्नति कठिनाई के साथ।
सिंह - - - - - -अच्छा 
कन्या - - - - - -परेशानी 
तुला - - - - - -   लाभ
वृश्चिक - - - - - -   उन्नति 
धन - - - - - - - - - सुधार 
मकर - - - - - अवरोध 
कुंभ - - - - - - -अनुकूलता 
मीन - - - - - - -  मिश्रित 
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का, 
  अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै। 
  "ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का, 
   'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।। 
 ॐमहर्षि  - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर।


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