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जीवोत्थान - पंचांगम् 06/06/2020,- "शनिवार  

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05 Jun 20
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जीवोत्थान - पंचांगम् 06/06/2020,- "शनिवार  


Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam -  दिनांके -(आँग्ल) 06/06/2020,-
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक -16 /03/1942
ज्येष्ठ 1942)
भारतीय पंचांगं दिनांक
01/04/2077
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि पर +, क्षय पर - अंकित, स्थानीय व्यवस्था) 
सौर आषाढ , कृष्ण पक्ष।
ग्रीष्म ऋतु। उत्तर गोलायन।
तिथि प्रथमा 22:32:21 तक।
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र ज्येष्ठा15:11:18 तक।
योग साघ्य17:18:13 तक।
करण बालव11:33:21 तक।
करण कौलव22:32:21 तक
वार शनिवार
माह (अमावस्यांत)ज्येष्ठ
माह (पूर्णिमांत)आषाढ
चन्द्र राशि   वृश्चिक15:11:18 तक।
चन्द्र राशि   धनु  15:11:18 से।
सूर्य राशि   वृषभ
विक्रम संवत् 2077
शकाब्द 1942 सूर्योदय05:47:10
सूर्यास्त19:20:55
दिन काल13:33:45
रात्री काल10:26:12
चंद्रास्त06:22:22
चंद्रोदय20:05:29
लग्न  सूर्योदय वृषभ21°38' ,
'सूर्य नक्षत्र रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र में  नामकरण
ज्येष्ठा पद, चरण3 यी ज्येष्ठा09:31:37
4 यू ज्येष्ठा15:11:18
1 ये मूल20:52:50
2 यो मूल26:36:20*
मुहूर्त
राहुकाल09:11 - 10:52अशुभ
यमघंटा14:16 - 15:57अशुभ
अभिजित् 12:07 -13:01शुभ
दूर मुहूर्त07:36 - 08:30 अशुभ
चोघडिया, दिन
काल05:47 - 07:29अशुभ
शुभ07:29 - 09:11शुभ
रोग09:11 - 10:52अशुभ
उद्वेग10:52 - 12:34अशुभ
चर12:34 - 14:16शुभ
लाभ14:16 - 15:57शुभ
अमृत15:57 - 17:39शुभ
काल17:39 - 19:21अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ19:21 - 20:39शुभ
उद्वेग20:39 - 21:57अशुभ
शुभ21:57 - 23:16शुभ
अमृत23:16 - 24:34*शुभ
चर24:34* - 25:52*शुभ
रोग25:52* - 27:11*अशुभ
काल27:11* - 28:29*अशुभ
लाभ28:29* - 29:47*शुभ
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आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध ,  व्यापार संस्कार शिक्षा-भाषा  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स बढेगा ।वायरस विस्तीर्णता भीड़तंत्र ।उत्तर दिशा प्रभावित। वृषार्क,। ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 

 


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