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जीवोत्थान - पंचांगम30/07/2020,- गुरुवार  

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29 Jul 20
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जीवोत्थान - पंचांगम30/07/2020,- गुरुवार  

.जीवोत्थान - पंचांगम30/07/2020,- गुरुवार  
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षा शास्त्री, Rtd RES, भाषात्रयी साहित्यकार)
Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - 
दिनांके -(आँग्ल)30 /07/2020,
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक - 08/05/1942
08श्रावण1942)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
26/05/2077
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि पर +, क्षय पर - अंकित, स्थानीय व्यवस्था) 
वर्षा ऋतु। दक्षिणायन ।
तिथि एकादशी23:49:24
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र अनुराधा07:39:28
योग ब्रह्म13:14:29
करण वणिज12:30:18
करण विष्टि भद्रा23:49:24
वार गुरूवार
माह (अमावस्यांत)श्रावण
माह (पूर्णिमांत)श्रावण
चन्द्र राशि  वृश्चिक
सूर्य राशि  कर्क
विक्रम संवत्2077
शाकाब्द 1942 सूर्योदय06:03:56
सूर्यास्त19:19:02
दिन काल13:15:05
रात्री काल10:45:21
लग्न सूर्योदय कर्क13°11' ,
सूर्य नक्षत्र पुष्य
आज के नामाक्षर
चन्द्र नक्षत्र अनुराधापद,
चरण4 ने अनुराधा07:39:28
1 नो ज्येष्ठा13:28:56
2 या ज्येष्ठा19:19:30
3 यी ज्येष्ठा25:11:11*
मुहूर्त
राहुकाल14:21 - 16:00अशुभ
यमघंटा06:04 - 07:43अशुभ
अभिजित्12:15 -13:08शुभ
दूर मुहूर्त10:29 - 11:22अशुभ
दूर मुहूर्त15:47 - 16:40अशुभ
+++++++++++++++++++
होरा
चोघडिया, दिन
शुभ06:04 - 07:43शुभ
रोग07:43 - 09:23अशुभ
उद्वेग09:23 - 11:02अशुभ
चर11:02 - 12:41शुभ
लाभ12:41 - 14:21शुभ
अमृत14:21 - 16:00शुभ
काल16:00 - 17:40अशुभ
शुभ17:40 - 19:19शुभ
चोघडिया, रात
अमृत19:19 - 20:40शुभ
चर20:40 - 22:00शुभ
रोग22:00 - 23:21अशुभ
काल23:21 - 24:42*अशुभ
लाभ24:42* - 26:02*शुभ
उद्वेग26:02* - 27:23*अशुभ
शुभ27:23* - 28:44*शुभ
अमृत28:44* - 30:04*शुभ
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आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध ,पवित्रा एकादशी व्रत स्मार्त वै.। व्यापार, शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स ऊँचाई पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 


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