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मेघालय आशाः कोविड-19 के खिलाफ सामुदायिक प्रयासों में अत्यंत आवश्यक

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04 Jul 20
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मेघालय आशाः कोविड-19 के खिलाफ सामुदायिक प्रयासों में अत्यंत आवश्यक

नई दिल्ली,       जैसे ही मेघालय में पहले मामले की खबर मिली आशा और आशा सहायकों को चयनित कंटेनमेंट क्षेत्रों में सक्रिय मामलों का पता लगाने के दल का अभिन्न अंग बनाकर उन्हें प्रशिक्षित किया गया। पुष्ट मामलों में से एक की पहचान 70,000 से अधिक परिवारों वाले मावथारिया पोमलाकरई में पहचान की गई। यह गांव राजधानी शिलंग के 12 किलोमीटर दूरी पर है। गांव में सामुदायिक कोविड प्रबंधन समिति का गठन किया गया, जिसमें एस. कुरकालांग देवी प्रमुख सदस्य के रूप में शामिल की गईं।

      गांव में लगभग 35 प्राथमिक संपर्कों की पहचान में इस आशा की भूमिका महत्वपूर्ण थी। जब समुदाय के अन्य सदस्यों को कोविड समिति ने घर में पृथकवास की सलाह दी तो कुरकालांग देवी ने उन्हें घर में पृथकवास के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के पालन का परामर्श दिया और उनकी चिकित्सा और अन्य आवश्यकताओं के लिए नियमित रूप से उनके घर जाकर फॉलोअप किया।

      गांव के कार्यकर्ताओं के साथ इस आशा बहन ने प्रभावित परिवारों को राशन और पीने का पानी जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रदान कराने में मदद दी। उसने फॉलोअप जारी रखा और नवजात शिशु, महिलाओं, बुजुर्गों तथा टीबी, हाइपरटेंशन और मधुमेह वाले ज्ञात मरीजों के घर तक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं पहुंचाईं। उसने अस्पतालों में शिशु जन्म में सहायता दी और गांववासियों को गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के समय पर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। समुदाय के अन्य साथियों की मदद से इस आशा वर्कर ने अपने सभी नियमित कार्य जारी रखे, साथ ही कोविड-19 से जुड़े अतिरिक्त कार्य भी किए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सका कि गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा उत्पन्न न हो। आशा दीदी और समुदाय के संयुक्त प्रयासों से आज पोमलाकरई गांव कोविड-19 से मुक्त हो गया है।


      मेघालय के अग्रिम पंक्ति के वर्कर कोविड-19 के फैलाव को रोकने में सहायक रहे हैं। कोविड-19 के खिलाफ मेघालय की लड़ाई में समुदायों में आशा बहनों की मजबूत संबंधों को प्रदर्शित किया है। सभी स्तरों पर लगभग 6,700 आशा बहनें कंटेनमेंट क्षेत्रों में कोविड गांव स्वास्थ्य जागरूकता और सक्रिय मामले पहचान दल में शामिल थीं। इन दलों ने कोविड-19 के बचाव के उपायों के प्रति सामुदायिक जागरूकता विकसित की। इन उपायों में बार-बार हाथ धोना, मास्क/फेस कवर का उपयोग करना, आपसी दूरी रखना आदि शामिल हैं। सक्रिय मामलों की पहचान के जरिए उन्होंने समय पर जांच और उपचार के लिए पहुंच सुगम बनाई।


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