GMCH STORIES

कोविड -19 के लिए परीक्षण किए जा रहे लोगों की कुल संख्या जल्द ही एक करोड़

( Read 7708 Times)

02 Jul 20
Share |
Print This Page
 कोविड -19 के लिए परीक्षण किए जा रहे लोगों की कुल संख्या जल्द ही एक करोड़

बाधाओं को समाप्त करने से अधिक संख्या में कोविड-19 की जांच का मार्ग प्रशस्त हुआ

अब, निजी चिकित्सक भी कोविड -19 टेस्ट की सलाह दे सकते हैं

कोविड -19 परीक्षणों की कुल संख्या शीघ्र एक करोड़ हो जायेगी

 

 

 

नई दिल्ली, देश में कोविड -19 के लिए परीक्षण किए जा रहे लोगों की कुल संख्या जल्द ही एक करोड़ हो जायेगी।

यह भारत सरकार द्वारा सभी अड़चनों को हटाने के कारण संभव हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने अधिक संख्या में कोविड-19 की जांच का मार्ग प्रशस्त किया है।

अब तक, नैदानिक परीक्षण नेटवर्क के माध्यम से 90,56,173 जांच की गई हैं और इस नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। अब देश में 1065 प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 768 सरकारी हैं और 297 निजी प्रयोगशालाएं हैं। प्रतिदिन जांच की क्षमता भी तेजी से बढ़ रही है। कल, कोविड -19 के लिए 2,29,588 लोगों की जांच की गई।

केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से, कोविड -19 जांच अब किसी भी पंजीकृत चिकित्सक की सलाह (पर्चे) से किया जा सकता है और इसके लिए विशेष रूप से सरकारी चिकित्सक का होना जरूरी नहीं है। केंद्र ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को निजी चिकित्सकों समेत सभी योग्य चिकित्सकों को जल्द से जल्द परीक्षण की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार जांच के लिए मानदंडों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति की कोविड जांच की जा सके।

टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट महामारी का जल्दी पता लगाने और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है। केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी कोविड -19 जांच प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने की सलाह दी है। इससे सभी प्रयोगशालाओं, विशेषकर निजी प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित होगा। इस प्रकार लोग अत्यधिक लाभान्वित होंगे।

आईसीएमआर ने एक दूरगामी कदम में दृढ़ता से सिफारिश की है कि प्रयोगशालाओं को आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति की जांच के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और राज्य अधिकारियों को किसी व्यक्ति पर जांच सबंधी रोक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक जांच वायरस को नियंत्रित करने में और जीवन को बचाने में मदद करेगा।

भारत सरकार ने राज्यों से आरटी – पीसीआर के साथ रैपिड एंटीजेन पॉइंट-ऑफ-केयर जांच का उपयोग करके बड़े पैमाने पर जांच करने का आग्रह किया है, जो कोविड -19 के निदान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रैपिड एंटीजन जांच त्वरित, सरल व सुरक्षित है और इसे आईसीएमआर द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुरूप नियंत्रण वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अस्पतालों में किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इसे वैधता दी है। ऐसे किटों से नागरिकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।

केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे जांच शिविरों का आयोजन तथा मोबाइल वैन आदि का उपयोग करके एक अभियान के रूप में बड़े पैमाने पर जांच की सुविधा प्रदान करें। ऐसे क्षेत्रों में जहाँ कोविड -19 मामलों की संख्या अधिक है, वहां जांच की सुविधा घर पर ही उपलब्ध की जानी चाहिए। इससे लक्षण वाले सभी लोगों व उनके संपर्कों के नमूने लिए जा सकेंगे और रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग करके उन नमूनों की जांच की जा सकेगी।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Health Plus
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like