जिनेवा । विश्व स्वास्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि बहुत अधिक शराब पीने के कारण वर्ष 2016 में 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई और इनमें ज्यादातर पुरु ष थे। संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्य एजेंसी ने चेतावनी भी दी है कि मौजूदा नीतियों पर अमल और उनके नतीजे इस प्रवृति में बड़े बदलाव के लिए नाकाफी हैं। साथ ही, एजेंसी ने अगले 10 साल में शराब की खपत में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। शनिवार को जारी एक नई रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि करीब 23.7 करोड़ पुरु ष और 4.6 करोड़ महिलाएं अल्कोहल से जुड़ी समस्या का सामना कर रही हैं। इनमें ज्यादातर यूरोप और अमेरिका में रहने वाले हैं। यूरोप में प्रति व्यक्ति शराब की खपत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है जबकि वहां 2010 के मुकाबले अब शराब की खपत में 10 फीसद तक की कमी आई है। शराब से जुड़ी मौतों में से एक तिहाई मौंतें कार हादसों या खुद को नुकसान पहुंचाने से जख्मी होने जैसी वारदातों से होती हैं जबकि करीब 20 फीसदी मौतें पाचनतंत्र में गड़बड़ी या हृदय संबंधी बीमारियों से होती हैं। कैंसर, संक्रामक रोगों, मानसिक विकारों और स्वास्य से जुड़ी अन्य समस्याओं के कारण भी यह मौतें होती हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडहानोम घेब्रेयीसस ने कहा, कई लोग, उनके परिजन और उनका समुदाय ¨हसा, जख्म, मानसिक स्वास्य समस्याओं और कैंसर एवं स्ट्रोक जैसे रोगों के जरिए अल्कोहल के नुकसानदेह इस्तेमाल के नतीजे भुगतते हैं। सेहतमंद समाज के निर्माण की राह में इस सबसे बड़े खतरे को रोकने की खातिर प्रभावी कार्रवाई करने का समय आ गया है।
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