उदयपुर। संभाग के फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन के साथ जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के स्पोर्ट्स इंजरी विभाग की कार्यशाला हुई। इसमें ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एवं आर्थोस्कॉपिक सर्जन डॉ. राहुल खन्ना ने कंधे के बार-बार निकलने के कारणों, सर्जरी और उसके बाद मरीज की फिजियोथैरेपी और रिहेबिलिटेशन के बारे में चर्चा की।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि कार्यशाला में कंधे के बार-बार निकलने पर चर्चा की गई। इसमें जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के आर्थोपेडिक विभाग के स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर के डॉ. राहुल खन्ना ने बताया कि इस तरह के मरीज की दूरबिन से संभव है। इसमें कंधे के उतरने की बीमारी के दूरबीन से ऑपरेशन के कई विकल्प मौजूद है। यह उदयपुर में पहली बार जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में शुरू हुआ था। ऑपरेशन के दौरान कंधे की संरचना का विस्तार पूर्वक पठन किया जाता है। ऑपरेशन के बाद फिजियोथैरेपी की भूमिका पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि डॉ. खन्ना इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ आर्थोस्कॉपिक सर्जन से फैलोशिप हासिल संभाग के पहले आर्थोपेडिक सर्जन है। इस कार्यशाला में संभाग के करीब सौ फिजियोथैरेपिस्ट ने भाग लिया और प्रश्न-उत्तर भी किए।
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