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लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है : मोदी 

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21 Oct 20
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लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है : मोदी 

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सायं  के राष्ट्र के नाम अपने सन्देश में देशवासियों से अपील की है कि हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है।  जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को रत्‍तीभर भी कमजोर नहीं पड़ने देना है।उन्होंने कहा कि बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है, और अधिक सुधार करना है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को,  अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।  आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर से बढ़ने लगे और चिन्‍ताजनक वृद्धि हो रही है।

मोदी ने कहा कि आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, मृत्यु दर  कम है।  भारत में जहां प्रति दस लाख जनसंख्या पर करीब 5500 लोगों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियां में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आर रही है। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है।  
प्रधानमंत्री ने बताया कि अमेरिका और ब्राज़ील जैसे देशों में ये आंकड़ा 25 हजार के करीब है।   भारत में प्रति दस लाख लोगों में मृत्युदर 83 (तिरासी) है, जबकि अमेरिका, ब्राज़ील, स्पेन, ब्रिटेन जैसे अनेक देशों में ये आंकड़ा 600 के पार है।  दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है।  आज हमारे देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड्स की सुविधा उपलब्‍ध है। 12,000 क्वारेंटीन सेंटर  हैं।  कोरोना टेस्टिंग की करीब 2000  प्रयोग शालाएं ( लैब्स ) काम रही हैं।  देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।

मोदी ने कहा कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे चिकित्सक , हमारे नर्सेस  हमारे स्वास्थय कार्यकर्ता  हमारे सुरक्षाकर्मी और भी सेवाभाव से काम करनेवाले लोग इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।  इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है।  ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।  हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना या तो बंद कर दिया है, या बहुत ढिलाई ले आए हैं। ये बिल्‍कुल ठीक नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को,  अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।  आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर से बढ़ने लगे और चिन्‍ताजनक वृद्धि हो रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि संत कबीरदास जी ने कहा है-पकी खेती देखिके, गरब किया किसान। अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान। अर्थात, कई बार हम पकी हुई फसल देखकर ही अति आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि अब तो काम हो गया। लेकिन जब तक फसल घर न आ जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए। यही कबीरदास जी कहकर गए हैं।  यानि जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

मोदी ने कहा कि जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को रत्‍तीभर भी कमजोर नहीं पड़ने देना है। बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर पूरी दुनिया में काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन  के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं। आशास्‍वत स्‍थिति दिखती है।
 कोरोना की वैक्सीन  जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रामचरित मानस में रामचरितमानस में बहुत ही शिक्षाप्रद बाते हैं, सीखने जैसी बाते हैं। लेकिन साथ-साथ अनेक प्रकार की चेनावनियाँ भी हैं जैसे रामचरितमानस में बहुत बड़ी बात कही गई है। रिपु रुज पावक पाप,  प्रभु अहि गनिअ न छोट करि। अर्थात, आग, शत्रु, पाप यानि कि गलती और बीमारी, इन्हें कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। जब तक इनका पूरा इलाज न हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसलिए याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। त्योहारों का समय हमारे जीवन में खुशियों का समय है, उल्लास का समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी। दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क लगाना इसका ध्यान रखिए।  और मैं आप सबसे करबद्ध प्रार्थना करना हूँ आपको मैं सरक्षित देखना चाहता हूँ, आपके परिवार को सुखी देखना चाहता हूँ। ये त्‍योहार आपके जीवन में उत्‍साह और उमंग बढ़े ऐसा वातावरण चाहता हूँ और इसलिए मैं बार-बार हर देशवासी से आग्रह करता हूँ।  

प्रधानमंत्री ने मीडिया के साथियों से भी, सोशल मिडिया में जो सक्रिय हैं उन लोगों से भी  आग्रह से किया  कि आप जागरूकता लाने के लिए इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन जागरण अभियान करेंगे ये आपकी तरफ से देश की बहुत बड़ी सेवा होगी। आप जरूर हमें साथ दीजिए, देश के कोटि-कोटि जनों को साथ दीजिए। मेरे प्‍यारे देशवासियों स्‍वस्‍थ्‍य रहिए, तेज गति से आगे बढ़िए और हम सब मिलकर के देश को आगे बढ़ाए।
मोदी ने  नवरात्र, दशहरा, ईद, दीपावली, छठ पूजा, गुरूनानक जयंती समेत सभी त्‍योहारों की सभी देशवासियों को एक बार फिर से बहुत-बहुत बधाई दी ।


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