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फतहसागर पाल पर लगने वाली मूर्तियों के काम में नियमों की खुली अवहेलना

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17 Feb 19
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फतहसागर पाल पर लगने वाली मूर्तियों के काम में नियमों की खुली अवहेलना

उदयपुर । उदयपुर प्रवास पर पधारे राजस्थान के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और उदयपुर जिले के प्रभारी मास्टर भँवर लाल मेधवाल को फतह सागर पाल पर लगने वाली मूर्तियों के काम में नियमों की खुली अवहेलना संबेधित एक ज्ञापन मय संबंधित आदेशों की प्रति व मौके के फोटो के जिले के प्रमुख जन प्रतिनिधियों एवं झील प्रेमियों ने सर्किट हाउस पहुँच कर दिया, जिनमें देहात जिला कांग्रेस के अध्यक्ष लाल सिंह झाला, पूर्व मंत्री माँगीलाल गरासिया, वाल्मिकी समाज के शंकर लाल क्षत्रिय महासभा के बालू सिंह कानावत के साथ दलपत सुराणा, सेवानिवृत्त एडिशनल चीफ जी पी सोनी एडवोकेट रमेश नंदवाना, हरीश पालीवाल आदि सम्मिलित थे।

सेवानिवृत्त एडिशनल चीफ जीपी सोनी ने बताया कि फतेह सागर पर लगाई जा रही यह मूर्तियां मूलत नगर विकास प्रन्यास के मूल प्लान में मूर्तियाँ विभूति पार्क के अंदर लगनी थी जिन्हें सन् 2016 में राजनीतिक निर्णय के जरिये पार्क के बाहर पुराने हरे पेड़ों की सीध में कर दिया गया। फतहसागर नगर विकास प्रन्यास के अधीन होते हुए भी परिवर्तित स्थान वाले इस काम को प्रन्यास स्वयं ने न कर नगर निगम के जिम्मे सोंपते हुए दिनांक 17.06.2016 को यह लिखा कि पूरी पाल पर मूर्तियाँ लगाने से पहले नगर नियोजक और सिंचाई विभाग से अनापत्ति ली जाय जो नहीं ली गई है । यह क्षेत्र निर्माण निषेध क्षेत्र है फिर भी काम हो रहा है। राज्य सरकार के परिपत्र दिनांक 10.07.2013 के अनुसार किसी भी सार्वजनिक उपयोग के क्षेत्र में मूर्तियाँ लगाना प्रतिबंधित है जबकि 2016 में किये गये मूर्तियों के स्थान परिवर्तन से ये पार्क के अंदर होने के बजाय बाहर सार्वजनिक स्थान पर लगने वाली हैं । राज्य सरकार के आदेश दिनांक 1.3.97 के अंतर्गत संभाग स्तरीय समिति से भी कोई अनुमति स्थान परिवर्तन के लिये नहीं ली गई है ।

इन मूर्तियों को लगाने के लिये कई हरे पेड़ या तो काट दिये गये हैं या बुरी तरह से छाँग दिये गये हैं जिससे सैंकड़ों पक्षियों का बसेरा उजड़ गया है साथ ही पाल के अंदर कटे पेड़ों की जड़े सूखने से पोलेपन के कारण इसकी सुरक्षा को भी खतरा है । निगम ने जिला कलक्टर को दिनांक 29.08.2016 को यह लिख कर दिया था कि इसकी डिजाइन जयपुर स्थित सिंचाई विभाग की डिजाइन इकाई से कराने के बाद ही काम करेंगे पर ऐसी कोई अनुमति नहीं ली गई है ।

प्रतिनिधि दल में शामिल दलपत सुराणा ने ने बताया कि पेडेस्टलों की डिजाइन भारी भरकम है और इनके लिये पाल में भारी मशीनों से कई फुट गहरी खुदाई की गई जिससे मोती महल के दक्षिण की तरफ पाल की सतह ने बैठक ले ली है जो वहाँ पर लगी रेलिंग के झुकाव से देखी जा सकती है ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी मंत्री भंवर लाल मेघवाल ने पूरे मामले को दिखवाने और जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है ।

महाराणा फतेह सिंह की मूर्ति लगे फतेहसागर पर

प्रभारी मंत्री भंवर लाल मेघवाल से बात करते हुए देहात जिला अध्यक्ष लालसिंह झाला छतरी महासभा के बालू सिंह कानावत ने फतेह सागर की पाल पर अन्य विभूतियों की मूर्ति लगाने की जगह केवल महाराणा फतेह सिंह की मूर्ति लगाने की मांग की है क्योंकि यह क्योंकि यह फतेहसागर और पाल उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी देन है जो आज समूचे विश्व को और विश्व के पर्यटक को को बरबस अपनी और खींच लाती है।


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