मोडर्न रोहिनी एज्युकेशन सोसायटी(एम आर.ई.सी.), नई दिल्ली के तत्वाधान में ंकांफ्रेंस आन कंटेम्परेरी इन्नोवेशन इन लाईब्रेरी एंड इंफोर्मेशन सांईंस , सोसियल साईंस , एण्ड टेक्नोलोजी फोर वर्चुअल वर्ड (आई.सी.सी.एल.आई.एस. टी -२०१८) मे राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा के पुस्तकालय प्रभारी डा. डी . के. श्रीवास्तव ने “ रोल ऑफ पब्लिक लाईब्रेरीज सर्विसेज फॉर कॉमन मेन - विद स्पेशियल रेफरेंस टू लाईव हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम ” विषय पर शोध पत्र के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास एजेण्डा२०३०को मध्यनजर रखतें हुयें पुस्तकालय उसमें किस तरह सहयोग कर सकते हें के उपर की-नोट प्रस्तुत किया । उन्होने अपने शोध पत्र के बारें मे बताते हुये कहा कि - वर्तमान परिद्रश्य में सार्वजनिक पुस्तकालयों की अहम भुमिका हैं क्योंकि अब पुस्तकालय पुस्तकों के साथ पुस्तकों के परे क्म्युनिटी आधारित सेवायें दे रहें हें उसी का नतीजा हें अब पुस्तकालय स्वास्थ्य जागरुकता जेसे अहम विषय पर लाईव सेवायें डाक्टर के माध्यम से पाठकों को तक पंहुचा रहें । स्वास्थ्य जागरुकता लाईव कार्यकृम का उद्देश्य सार्वजनिक पुस्तकालयों के उद्देश्य - बिना जाति , धर्म , भेदभाव के आजीवन शिक्षा अर्जन में पाठ्कों की मदद करना हें अमरिका में वंचित वर्ग जिनके पास आवश्यक उपकरण नही होतें हें वह इस सुविधा का लाभ सार्वजनिक पुस्तकालयों के माध्यम से स्वास्थ्य जागरुकता प्राप्त करतें हें ।
एम.आर.ई.सी. के सचिव श्री वैभव बंसल ने बताया कि बताया कि भारत सरकार के डीजीटल इण्डिया इनिसिएटीव कार्यक्रम को सशक्त बनाने की और यह एक पहल हें जिसमे विश्व के सभी गुणीजन , एकेडमिशियन , शोधार्थी , वेज्ञानिक इत्यादि इसमे बिना भोगोलिक दुरियों के व्यस्ततम कार्यक्रम मे से समय निकालकर के , न्युनतम शुल्क पर सभी सहभागी अपने नवाचार, नवीन शोध पत्र , रिसर्च प्रोग्रेस कों कोमन प्लेट्फोर्म पर रियल टाईम पर शेयर कर सकते हें ।
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