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चुनाव प्रक्रिया एवं कानून व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा

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11 Nov 18
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चुनाव प्रक्रिया एवं कानून व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा


चित्तौडगढ, विधानसभा आम चुनाव-२०१८ के लिये चुनाव प्रक्रिया एवं कानून व्यवस्था के बारे में आयोजित बैठक में विस्तृत विचार विमर्श किया गया। बैठक में संवेदनशील एवं वलनेरबल मतदान केन्द्र, गैर जमानती वारंटी, लाईसेंसी एवं अवैध हथियार सहित पकडी गई नकदी, शराब आदि के बारे में विधानसभावार समीक्षा की गई।
शनिवार को आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी इन्द्रजीत सिंह ने उपस्थित अधिकारियों को कहा कि चुनाव प्रक्रिया के बारे में आयोजित बैठकों एवं प्रशिक्षणों से अर्जित जानकारियों एवं सूचनाओं का अब सक्षम एवं प्रभावी ढंग से क्षेत्र में प्रायोगिक उपयोग करना है। सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी अपने सूचनातंत्र को कार्यक्षम बनाकर चुनाव कार्य में लगी एजेन्सियों के साथ प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करें। विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त महत्वपूर्ण सूचनाओं पर समयबद्ध कार्यवाही करके हमें स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पादित करना है। उन्होंने अर्द्धसशस्त्र बल द्वारा विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में किये गये शांति मार्च, एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा की गई कार्यवाहियों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली।
जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार चौधरी ने बैठक में बोलते हुए बताया कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से आर्म्सएक्ट, एन.डी.पी.एस. एवं शराब बरामदगी जैसी कार्यवाहियां संतोषप्रद है, फिर भी हमें इन्हें अधिक प्रभावी बनाना है। उन्होंने बताया कि चुनाव में अवैध शराब के इस्तेमाल को हमें कडाई से रोकना है, इसके लिये अवैध शराब के भण्डारण एवं परिवहन की पुख्ता जानकारी जुटाकर हमें इस पर सख्त कार्यवाही करनी है। उन्होंने वलनेरबल एवं संवेदनशील मतदान केन्द्रों को प्राथमिकता का ध्यान रखकर अवरोही क्रम में निर्धारण करने के निर्देश दिये।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी दीपेन्द्र सिंह राठौर ने विभिन्न सूचनाओं में आ रहे अंतर को ठीक करके उन्हें अंतिम रूप देने की सलाह दी। उन्होंने वलनेरबल पॉकेट के वोटरों के फोन नम्बर आदि जानकारियां जुटाने एवं पिछले चुनाव के मतदान प्रतिशत आदि के बारे में सेक्टर अधिकारियों को जानकारी देने के निर्देश दिये। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपीन शर्मा ने अवैध हथियारों की संभावना एवं कार्यवाही के बारे में बताया।
बैठक में कपासन के रिटर्निंग अधिकारी महावीर प्रसाद नायक, बेगूं के बद्रीलाल राठौर, चित्तौडगढ के सुरेश कुमार खटीक, निम्बाहेडा के चंपालाल जीनगर एवं बडीसादडी के रिटर्निंग अधिकारी शैलेष सुराणा उपस्थित थे। इसी प्रकार कपासन विधानसभा क्षेत्र के नोडल पुलिस अधिकारी दिनेश सिंह रोहडया, बेगूं के राकेश राजोरा, चित्तौडगढ के माधोसिंह सोढा, निम्बाहेडा के गोपीचंद मीणा व बडीसादडी विधानसभाक्षेत्र के नोडल पुलिस अधिकारी नारायण सिंह उपस्थित थे।

४१ मतदान केन्द्र वलनेरबल
चुनाव एवं कानून व्यवस्था की बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार पांचों विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान में ४१ मतदान केन्द्र वलनेरबल (भयग्रस्त) के रूप में चिह्नित किये गये हैं। यह संख्या आगामी समय में परिवर्तित भी हो सकती है। निम्बाहेडा के १५ मतदान केन्द्र वलनेरबल पाये गये है। इसी तरह चित्तौडगढ के ८, कपासन, बेगूं एवं बडीसादडी के ६-६ मतदान केन्द्र इस श्रेणी में निर्धारित किये गये है। इन ४१ मतदान केन्द्रों के ४३८ मतदाताओं को वलनेरबल मतदाताओं के रूप में माना है।

क्रिटिकल मतदान केन्द्र
जिले के संवेदनशील मतदान केन्द्रों को चार श्रेणियों एस-१, एस-२, एस-३, एस-४ में बांटा गया है। एस-१ में वे मतदान केन्द्र आते है, जहां पांच से दस प्रतिशत तक मतदाताओं के पहचान पत्र उपलब्ध नहीं हो तथा एस-२ में उन मतदान केन्द्रों को शामिल करते है, जहां अनुपस्थित मतदाताओं की संख्या एक प्रतिशत या उससे अधिक हो। जिले में इस श्रेणी में किसी मतदान केन्द्र को चिह्नित नहीं किया गया है। एस-३ श्रेणी में वे मतदान केन्द्र माने जाते हैं, जहां पिछले चुनाव में ९० प्रतिशत या अधिक मतदान हुआ हो तथा एक ही प्रत्याशी को ७५ प्रतिशत से अधिक मत मिले हो। एस-३ श्रेणी में बेगूं के ७, निम्बाहेडा के ५, कपासन के ३, चित्तौडगढ के २ एवं बडीसादडी के एक मतदान केन्द्र सहित १८ मतदान केन्द्र चिह्नित किये गये। एस-४ श्रेणी में वे मतदान केन्द्र आते हैं, जो कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील माने गये हैं। निम्बाहेडा में एस-४ के ७६, बेगूं के ५६, बडीसादडी के ५१, कपासन के ३६ व चित्तौडगढ के २९ मतदान केन्द्रों का निर्धारण किया गया हैं।


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