मंबईं | भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरवार को परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) से निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त न्यायसंगत आचार संहिता अपनाने को कहा, ताकि अन्य बातों के अलावा ठ्ठण वसूली के मामले में असय, गैरकानूनी और संदिग्ध व्यवहार के इस्तेमाल को रोका जा सके। केंद्रीय बैंक ने कहा कि संहिता से परिचालन में पारदर्शिता और निष्पक्षता भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
एआरसी बैंकों के फंसे हुए ठ्ठणों को खरीदते हैं और उनकी वसूली करते हैं।आरबीआईं ने कहा, हितधारकों से निपटने में पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्चतम मानकों को अपनाने के लिए परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित साफ सुथरी स्पष्ट आचार संहिता (एफपीसी) लागू करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए न्यूनतम विनियामक अपेक्षा निर्धारित की है, जबकि प्रत्येक एआरसी का बोर्ड इस संबंध में अपने दायरे को बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एफपीसी में सही तरीके का पालन किया जाना चाहिए, और बोर्ड को इसके उचित कार्यांन्वयन में खुद को शामिल करना चाहिए। इसमें कहा गया कि एआरसी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण में पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण प्रथाओं का पालन करेंगे।