नईं दिल्ली । वित्त मंत्रालय सितंबर तिमाही के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी की आवश्यकता का आकलन कर सकता है, क्योंकि उस समय तक खराब ठ्ठणों में बढ़ोतरी के बारे में आंकड़े स्पष्ट हो जायेंगे। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये देटा भर में लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। इस कारण ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों ाएनपीएा में वृद्धि देखने को मिल सकती है। ऐसा होने की स्थिति में रिजर्व बैंक के दिटानिर्देटाों के तहत बैंकों को एनपीए के लिये किया जाने प्रावधान बढ़ाना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि यदि आरबीआईं कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित क्षेत्रों के लिये ठ्ठण पुनर्गठन के अनुरोध को स्वीकार कर लेता है, तो बैंकों को राहत मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि कर्ज की किस्तें चुकाने से राहत की अवधि अगस्त में समाप्त हो रही है। उसके बाद ही एनपीए को लेकर स्थिति दूसरी तिमाही के आंकड़े स्पष्ट हो जायें, पूंजी की आवश्यकता की समीक्षा तभी करना उचित होगा।