मुंबईं । भारतीय रिजर्व बैंक ने शुावार को कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रभावों से मुकाबला करने के लिए बैंकों की रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती करने, राज्यों को उनके खर्चो के लिये उधार सीमा बढ़ाने के साथ ही अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिये कईं उपायों की घोषणा की। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से पैदा हालात पर रिजर्व बैंक लगातार करीब से निगाह रखे हुये है और इससे उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये वह हर संभव कदम उठायेगा। उन्होंने ये भी कहा कि जिन उपायों की घोषणा की जा रही है ये अंतिम घोषणाएं नहीं हैं, केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था के हित में बदलती परिस्थितियों के अनुसार भविष्य में जरूरत पड़ने पर और कदम भी उठाता रहेगा। दास ने शुावार प्रात: एक वीडियो संदेश में कहा कि बैंको को अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से रिवर्स रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिया गया रिजर्व है।रिवर्स रेपो के तहत वाणिज्यिक अपने पास उपलब्ध अतिरिक्त नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखते हैं। उन्होंने कहा, प्रमुख नीतिगत दर रेपो 4.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी गईं है, और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर भी बिना किसी बदलाव के 4.65 प्रतिशत पर बनी रहेंगी। इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़ते दबाव को देखते हुये उनके लिये अग्रिम की सुविधा को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। अभी तक इसके लिए 30 प्रतिशत की सीमा थी। |