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आर्थिक मन्दी एवं औद्योगिक नुकसान से उबरने हेतु यूसीसीआई के अध्यक्ष  की अपील

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03 Apr 20
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आर्थिक मन्दी एवं औद्योगिक नुकसान से उबरने हेतु यूसीसीआई के अध्यक्ष  की अपील

उदयपुर,उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने लाॅक डाउन के कारण उत्पादन बन्द हो जाने से उद्योगों को हुए आर्थिक नुकसान से उबरने हेतु सरकार द्वारा राहत उपलब्ध करवाये जाने की मांग की है।
यूसीसीआई के अध्यक्ष श्री रमेष कुमार सिंघवी ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत को प्रतिवेदन प्रेशित कर यह जानकारी दी है कि दिनांक 23 मार्च से लाॅक डाउन के सरकारी आदेश की अनुपालना करते हुए सारे उद्योग बंद कर दिए गए हैं। उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को लाॅक डाउन अवधि का वेतन दिये जाने का सरकार द्वारा आदेश दिया गया है। इस आदेष की अनुपालना करते हुए उद्योगों द्वारा कर्मचारियों को मार्च माह का पूर्ण वेतन प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है। किन्तु उद्योगों का कहना है कि दिनांक 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक की लाॅक डाउन अवधि के लिये भी कार्मिकों को पूर्ण वेतन प्रदान करना उद्योगों के लिये सम्भव नहीं हो पायेगा। लगातार औद्योगिक उत्पादन ठप्प रहने से उद्योगों के लिये वित्तीय संकट खडा हो गया है। इस सन्दर्भ में यूसीसीआई का यह सुझाव है कि औद्योगिक श्रमिकों व अन्य स्टाफ को लाॅक डाउन की अवधि के वेतन भुगतान हेतु सरकार द्वारा सभी उद्योगों को औद्योगिक श्रमिकों के वेतन में कटौति किये जाने बाबत दिषानिर्देष जारी किये जाने चाहिये। इसके साथ ही यूसीसीआई अध्यक्ष श्री सिंघवी ने आर्थिक मन्दी एवं उत्पादन बन्द होने से हुए औद्योगिक घाटे से उबरने में सहयोग के लिये श्रमिक संघों से भी सहयोग की अपील की है। लाॅक डाउन के दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकार के आपदा राहत कोश में उद्यमियों द्वारा बढ-चढ कर दान दिया है तथा सर्वहारा वर्ग के लिये भोजन एवं राषन उपलब्ध कराने में जिला प्रषासन को सहयोग दिया है। अतः राश्ट्रीय संकट की इस घडी में औद्योगिक श्रमिकों एवं कार्मिकों को भी अपनी ओर से अंषदान कर सहयोग प्रदान करना चाहिये।
अध्यक्ष श्री रमेष सिंघवी ने बताया कि कई देषों में लाॅक डाउन के कारण वैष्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। आयात-निर्यात व्यवसाय पूर्णतया ठप्प हो गया है। यदि 14 अप्रैल से औद्योगिक उत्पादन आरम्भ भी हो जाता है तो भी कई देषों में लाॅक डाउन के चलते उक्त माल का निर्यात सम्भव नहीं हो पायेगा। निर्यातक उद्योगों को नये सिरे से अंतर्राश्ट्रीय बाजार ढूंढने की कवायद करनी होगी जिसमें समय लग सकता है। बिना सरकारी मदद के उद्योगों के लिये यह सम्भव नहीं होगा। उद्योग एवं व्यवसाय को पुनः पटरी पर लाने के लिये राज्य सरकार योजना तैयार करनी होगी।  
इस सन्दर्भ में यूसीसीआई का यह सुझाव है कि औद्योगिक श्रमिकों व अन्य स्टाफ के लाॅक डाउन की अवधि के वेतन भुगतान हेतु सरकार द्वारा सभी उद्योगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर राहत प्रदान की जाए। इसके अलावा राजस्थान वित्त निगम अथवा सरकारी बैंकों से उद्योगों द्वारा लिए गए लोन एवं क्रेडिट लिमिट पर ब्याज में छूट प्रदान की जाए। श्री सिंघवी ने सरकार द्वारा उद्योगों के एक माह के बिजली व पानी के बिल माफ किए जाने का सुझाव भी दिया है।
केन्द्र सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा औद्योगिक ऋण पर ई.एम.आई. की अवधि बढाये जाने तथा रेपो रेट घटाने की श्री सिंघवी ने सराहना की है। केन्द्र द्वारा 1.7 बिलियन का राहत पैकेज घोशित किये जाने का स्वागत करते हुए श्री सिंघवी ने राज्य सरकार से उदयपुर सम्भाग के उद्योगों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु विषेश औद्योगिक राहत पैकेज उपलब्ध करवाये जाने की मांग की है।


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