नई दिल्ली आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम ने सरकार से बीपीओ/केपीओ सेवाओं में जीएसटी नियमों के तहत कर प्रावधानों को स्पष्ट करने का आग्रह किया है। साथ ही उसने सरकार से यह आग्रह भी किया है कि स्टार्टअप में निवेश पर लगने वाले एंजल टैक्स को खत्म कर दिया जाए।
राजस्व अधिकारियों की ओर से इस तरह के बढ़ते उदाहरणों पर चिंता व्यक्त करते हुए जिसमें बीपीओ और केपीओ समेत तमाम सेवाओं को आईटी-सक्षम सेवाओं की 'मध्यस्थ सेवा' माना जा रहा है नैस्कॉम के सीनियर डायरेक्टर और पब्लिक पॉलिसी हैड आशीष अग्रवाल ने बताया कि इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "इस तरह की कंपनियां पूर्व आपूर्ति चरणों में किसी भी तरह की वस्तुओं की आपूर्ति एवं सेवाओं से जुड़ी हुई नहीं हैं...यहां पर स्पष्टता की जरूरत है कि बीपीओ और केपीओ मध्यस्थ सेवा के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं करेगा।" उन्होंने यह बात आगामी बजट में इंडस्ट्री की इच्छाओं के संदर्भ में कही।
अग्रवाल ने उल्लेख करते हुए कहा कि बीते वर्ष जीएसटी काउंसिल ने कई पहलुओं पर स्पष्टीकरण दिए हैं जिन्होंने उद्योग की मदद की है। अग्रवाल ने कहा, "व्यापार को आसान बनाने, विकास और क्षेत्र की निर्यात प्रतिस्पर्धा के निर्वाह के लिए इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि एंजल टैक्स के प्रावधानों को खत्म किया जाना चाहिए और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने वाले विचारों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।