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जिंक कौशल कार्यक्रम में प्रशिक्षित 21 महिला प्रशिक्षुओं का शतप्रतिशत प्लेसमेंट

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15 Mar 23
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जिंक कौशल कार्यक्रम में प्रशिक्षित 21 महिला प्रशिक्षुओं का शतप्रतिशत प्लेसमेंट

हिन्दुस्तान जिं़क कौशल केंद्र की पहली महिला प्रशिक्षुओं को निहत्थे सुरक्षा गार्ड के पद पर जानी मानी कंपनियों मंे रोजगार

हिंदुस्तान जिंक के कार्यक्रम - जिंक कौशल के माध्यम से प्रशिक्षित पहले निहत्थे सुरक्षा गार्ड बैच की 21 महिला प्रशिक्षुओं ने शतप्रतिशत प्लेसमेंट में सफलता प्राप्त की है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करना और उन महिलाओं को सशक्त बनाना था जो शिक्षा की कमी, कम उम्र में विवाह आदि के कारण आत्मनिर्भर नही हैं। तीन महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक्सपोजर विजिट, अतिथि व्याख्यान और कई गतिविधियां थीं। मुख्यधारा के उद्योगों की जरूरतों के अनुसार एक समग्र सीखने का अवसर प्रदान करने के लिए इनके लिये प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

हिंदुस्तान जिंक की स्किलिंग पहल विभिन्न ट्रेडों जैसे सामान्य ड्यूटी सहायक, निहत्थे सुरक्षा गार्ड, माइक्रो फाइनेंस एक्जीक्यूटिव आदि पर बाजार से जुड़े कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे कौशल विकसित होता है और उन्हें रोजगार के अवसर मिलते हैं। दरीबा, जिंक कौशल केंद्र की इन महिला प्रशिक्षुओं को रेडिसन ब्लू, सिक्योर मीटर्स-उदयपुर, जायडस हॉस्पिटल-अहमदाबाद, कोकून हॉस्पिटल, नारायणा हॉस्पिटल-जयपुर और श्री सालासर बालाजी मंदिर जैसे कई प्रसिद्ध संगठनों में अनआमर््ड सिक्योरिटी के पद पर रखा गया है।

जिंक कौशल केंद्र कार्यक्रम 2018 में शुरू किया गया जो कि बेरोजगार युवाओं को कौशल बढ़ाने और स्थिर आजीविका के अवसरों के साथ सक्षम बनाने पर केंद्रित है। इस प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, पिछले 3 वर्षों में कार्यक्रम ने अप्रत्यक्ष रूप से उद्योगों को 4,500 से अधिक कुशल युवा को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने में मदद की है जो अब या तो नियोजित हैं या स्वरोजगार से जुडे़ हैं। कार्यक्रम शुरू में विभिन्न ट्रेडों और प्रोफाइल में लघु अवधि के गहन पाठ्यक्रमों की पेशकश के लक्ष्य के साथ स्थापित किया गया था।

कार्यक्रम की पहुंच का विस्तार करते हुए, गत वर्ष हिंदुस्तान जिंक ने मूक-बधिर 13 युवा छात्रों का पहला बैच शुरू किया, ताकि उन्हें मुख्यधारा के उद्योगों में रोजगार के अवसरों के साथ स्वतंत्र बनाया जा सके। स्थापना के बाद से अब तक 4591 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 3810 राजेगार से जुडे है एवं स्व-उद्यमी बन गए हैं।


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