कोविड 19 पेनडेमिक और अनलॉक के बाद यह टीम का पहला नुक्कड नाटक
दो अलग-अलग टीमों ने एक ही दिन में 3 शहरों में की 3 प्रस्तुतियां
नुक्कड़़ नाटक के माध्यम से दिया पानी बचाने का संदेश
वेदान्ता समुह, हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान, उदयपुर के कलाकारों ने 22 मार्च विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में अशफाक नुर खान पठान द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड नाटक ‘‘पानी रे पानी’’ का मंचन किया। नाट्यांश की ही दो अलग-अलग टीमों ने एक ही दिन में तीन शहरों में की गयी तीन प्रस्तुतियां। जिसमें पहली प्रस्तुति सुबह उदयपुर में बेदला गाँव के लाल बोट चौराहे पर, दुसरी प्रस्तुति भीलवाड़ा के आगुचा माईन्स में एवं तिसरी प्रस्तुति राजसमन्द के रेलमंगरा गाँव में किया गया। मंचन के दौरान दर्शको के बीच दुरी व कॉविड प्रोटोकॉल का विषेश ध्यान रखा गया।
नाटक ‘‘पानी रे पानी’’ भविष्य में आने वाली पानी की समस्याओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। आज जिस तरीक़े से हम पानी का उपयोग कर रहे है अगर इसी तरह अंधाधुँध पानी को बर्बाद करेंगे तो भविष्य में क्या स्थिति बनेगी? नाटक इसी विषय पर आधारित है।
कथासार
नुक्कड नाटक में 2050 के समय का दिखाया है जिसमें एक राजा को अपने छोटे बेटे की जिद पुरी करने के लिये अपने महल में स्वीमिंग पूल बनवाना है। राजा अपनी इस इच्छा को अपने नौकरों को बताता और उन सभी को पानी की खोज पर लगा देता है। राजा होते हुए भी उसे एक बूंद भी पानी नही मिलता है। वहीं प्रजा के पास भी पीने के लिए पानी भी नही होता है और वो तडप-तडप कर मर रही है। नाटक में दिखाया है कि अगर अभी पानी नही बचाया तो भविष्य में चाहे राजा हो चाहे रंक किसी को भी पानी नही मिलेगा।
नाटक की पहली टीम में राघव गुर्जरगौड़, महेश कुमार जोशी, अशफाक नुर खान, अगस्त्य हार्दिक नागदा, चक्षु सिंह रूपावत और मोहम्मद रिजवान ने नाटक का मंचन किया। वहीं दुसरी टीम में धीरज जिंगर, दाऊद अंसारी, नेहा श्रीमाली, अमित श्रीमाली, फिज़ा बत्रा और पियुष गुरूनानी ने अभिनय किया। टीम अब तक इस नाटक के 5 प्रर्दशन कर चुकी हैं और आगे आने वाले एक सप्ताह में 15 प्रस्तुतियां और होनी है।