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जिंक द्वारा उन्नत नस्ल वत्स प्रदर्शनी का आयोजन

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13 Nov 19
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जिंक द्वारा उन्नत नस्ल वत्स प्रदर्शनी का आयोजन

हिंदुस्तान जिंक द्वारा आस पास के किसानो की पशु धन विकास द्वारा वार्षिक आय संवर्धन के लिए क्रियान्वित की जा रही  समाधान परियोजना के अंतर्गत आज गांव शिवपुरा में उन्नत नस्ल वत्स प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पशुपालन विभाग चित्तौडगढ से संयुक्त निदेशक डॉ प्रमोद कुमार पंचोली , उपनिदेशक पशुपालन डॉक्टर मंगेश जोशी एवं वरिष्ठ पशु चिकित्सक गंगरार के डॉक्टर सुनील डोले ने पशुपालकों को उन्नत पशुपालन हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाएं एवं क्रियाकलापों की जानकारी प्रदान की। डॉ प्रमोद कुमार पंचोली ने नियमित तौर पर पशुओं में खुर पका मुंह पका के टीके लगवाने एवं पशुओं के आंतरिक व बाहरी परजीवी ओं का ध्यान रखना व समय पर टीकाकरण इत्यादि कराने पर किसानों से तत्परता का आव्हान किया। डॉक्टर मंगेश जोशी ने विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी दी वहीं डॉ सुनील डोले ने पशुपालकों को उन्नत पशुपालन के गुर विस्तृत रूप से सिखाएं ,इस अवसर पर गाव बिलिया, शिवपुरा, सुवानिया, मेडिखेडा के  ३०  पशुपालकों  में से प्रथम एवं द्वितीय वत्स प्रतियोगिता  में आने पर पुरस्कृत किया गया एवं  अन्य सभी पशुपालकों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए।

इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीएसआर हेड डॉ विशाल अग्रवाल ने कार्यक्रम में आए सभी पशुपालकों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। सीएसआर अधिकारी  श्रीमती अरुणा चीता ने महिला पशुपालको को समाधान परियोजना में चल रही गतिविधियों के बारे में बताया एवं अधिक से अधिक लाभान्वित होने पर जोर दिया।  बायफ से परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, अनीस होला, डॉक्टर महेंद्र गुप्ता ,विपिन धीरावत, रतनलाल कुमावत, एवम केंद्र प्रभारी नारायण जोशी सहित वत्स लाने  वाले ५० से अधिक पशुपालक मौजूद थे।

वर्ष २०१६ से हिन्दुस्तान जिंक एवं बीआइ्रर्एसएलडी द्वारा संचालित समाधान परियोजना में चित्तौडगढ, गंगरार ,भदेसर पंचायत समिति कि चयनित १४ ग्राम पंचायत के ४८ गावो में कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा उन्नत नस्ल की बछिडीयो के नस्ल सूधार का कार्य नियमित रुप सें क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें नगरी, बिलिया, आजोलिया का खेडा, पुठोली, सुवानिया, चौगावडी, कश्मोर, धनेतकला, कन्थारिया, सुखवाडा, सतपुडा, आंवलहेडा, पाण्डोली, रौलाहैडा, देवरी के ३०१०६ पशुपालको को गिर, मुर्रा, जर्सी, हॉलिस्टन आदि नस्ल की बछडियो के नस्ल सुधार द्वारा लााभान्वित किया गया है। कृत्रिम गर्भाधान के अतिरिक्त सिरोही नस्ल के बिजु बकरो का वितरण, पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, बीएनएच १० घास का उत्पादन, आजोला युनिट निर्माण जैसी गतिविधया कार्यक्रम शामिल है।

 

 


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