GMCH STORIES

ग्रामीण क्षेत्र की ’शिष्य’ प्रतिभाओं को आगे ला ’गुरू’ बना रहा हिन्दुस्तान जिंक

( Read 8923 Times)

05 Sep 19
Share |
Print This Page
ग्रामीण क्षेत्र की ’शिष्य’ प्रतिभाओं को आगे ला ’गुरू’ बना रहा हिन्दुस्तान जिंक

ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें सुविधाएं प्रदान कर अपने विषय में माहिर बना उन्हें अवसर देने का कार्य देश की अग्रणी धातु और खनीज कंपनी हिन्दुस्तान जिंक बढचढ कर निभा रहा है। हाल ही में देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग कॉलेज में चयनित छात्रों की बात हो, सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हो या ग्रामीण क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों के परिणाम में अभूतपूर्व सुधार की बात हो, यह उपलब्धियां बताती है कि आने वाले समय में ये ’शिष्य’ अपने विषय और हुनर के गुरू साबित होगें।

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपने शिक्षा संबल कार्यक्रम में  ग्रामीण विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु विशय अध्यापक उपलब्ध कराना, उंची उडान कार्यक्रम में आईआईटी की कोचिंग, उच्च शिक्षा के लिए सुविधा, आवासीय शिविरों,आधुनिक शिक्षा के लिए माइंड स्पार्क, ग्रामीण फुटबॉल खेल प्रतिभाओं के लिए जिंक फुटबॉल अकादमी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोशण के लिए खुशी परियोजना का संचालन कर रहा है।  

शिक्षा संबल के माध्यम से वर्श २००७ से हिंदुस्तान जिंक ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और भविष्य में देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से जुडने के उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया है। राजस्थान के ५ जिलों चित्तौडगढ, भीलवाडा, राजसमंद, अजमेर और उदयपुर के ६४ से अधिक राजकीय स्कूलों में पहुँच रहा है। जिसमें इस वर्ष, ७५०० से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं जिसे विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।

शिक्षा संबल कार्यक्रम के शिक्षकों तथा अकादमिक टीम द्वारा राजकीय शिक्षकों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोग दिया जा  रहा  है। जिसके अंतर्गत समर कैम्प तथा विंटर कैम्प का आयोजन, अतिरिक्त तथा नियमित कक्षाओं की व्यवस्था, विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोगी शिक्षण सामग्री तथा स्कूलों को पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु पुस्तकें व सामाग्री प्रदान की जाती है और इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।  राजकीय शिक्षकों के साथ शिक्षा संबल कार्यक्रम का यह प्रयास कार्यक्रम में शामिल स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में दिखाई दे रहा है।

ऊंची उडान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से असक्षम चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है। यह उदयपुर में दो वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेजोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। इन छात्रों को मार्गदर्शन के साथ ११वीं एवं १२वीं के छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स की नियमित पढाई कराने की जिम्मेदारी भी पुरी की जा रही है। इस वर्ष ३ विद्यार्थियों का चयन आईआईटी  एवं एक का एनआईटी के लिए देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं में हुआ है। वर्तमान में ४ बैच में १२० विद्यार्थी इस कार्यक्रम में अध्ययनरत है।

माइंडस्पार्क कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के ३ हजार से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचा रहा है। इस कार्यक्रम से बच्चों को तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। यह कार्यक्रम २ विषयों हिंदी और गणित पर केंद्रित है जो है। एक डैशबोर्ड शामिल है जो छात्रों के आगे मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों के साथ साझा किया जाता है जिसमें लैपटॉप के साथ माइंड स्पार्क लैब स्थापित की हैं।

जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रामीण फुटबॉल खिलाडियों के लिए अद्वितीय एफ-क्यूब तकनीक के साथ जमीनी स्तर पर उनका विकास कर रहा है। १४ साल से कम आयु के ४० युवा लडकों का पहला बैच, जावर में जिंक फुटबॉल अकादमी में प्रशिक्षित हो रहा है।यह अकादमी देश में अपने प्रकार की एक मात्र हैं। जिन्होंने हाल ही में सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है।

हिंदुस्तान जिंक की खुशी आंगनवाडी परियोजना ६ वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण-स्वास्थ्य-शिक्षा में सुधार के लिए समर्पित है जिसके तहत् ३११९ आंगनवाडियों में यह परियोजना संचालित कर ५२ हजार से अधिक नौनिहालों के सर्वागिण विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है।

जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम  में ६०० से अधिक विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के देने का प्रयास है किया जा रहा है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिंक ने नेत्रहीन लोगों के लिए साइन लैंग्वेज ट्रेनिंग का शुभारंभ करना तथा नेत्रहीनों को तकनॉलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।

हिंदुस्तान जिंक इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं के लिए यशद सुमेध योजना के तहत् छात्रवृत्ति प्रदान करता है। कंपनी वेदांता पोस्ट-ग्रेजुएट गर्ल्स कॉलेज, रिंगस में उच्च शिक्षा को आगे बढाने के लिए अपने कार्य क्षेत्र के आसपास के गांवों की लडकियों के लिए निःशुल्क अध्ययन करा रहा है।

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Zinc News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like