हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने ३१ मार्च, २०१९ को समाप्त वित्तीय वर्ष तथा इसी वर्ष की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा की।
वित्तीय वर्ष में कंपनी की प्रमुख उपलब्धियाँ ः-
९३६,००० टन भूमिगत खनित धातु उत्पादन जो गतवर्ष की तुलना में २९ प्रतिशत अधिक।
१९८,००० टन रिकॉर्ड रिफाइन्ड सीसा धातु उत्पादन जो गत वर्ष की तुलना में १८ प्रतिशत अधिक।
६७९ एमटी रिकॉर्ड चांदी उत्पादन जो गतवर्ष की तुलना में २२ प्रतिशत अधिक।
वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही की प्रमुख उपलब्धियाँ ः-
२४५,००० टन भूमिगत खनित धातु उत्पादन जो गतवर्ष की तुलना में २४ प्रतिशत अधिक है।
५३,००० टन रिफाइन्ड सीसा धातु उत्पादन जो गत वर्ष की तुलना में ६ प्रतिशत अधिक।
१९१ एमटी टन रिकॉर्ड चांदी उत्पादन जो गतवर्ष की तुलना में १३ प्रतिशत अधिक है।
’’हिन्दुस्तान जिंक की चेयरमैन श्रीमती किरण अग्रवाल जी ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक के बोर्ड में शामिल होने पर खुश ह तथा विश्व की सबसे बडी सीसा-जस्ता एवं चांदी उत्पादक कंपनी बनने की ओर अग्रसर है। वित्तीय वर्ष २०१९ एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है क्योंकि कंपनी की ओपन-कास्ट ऑपरेशन बंद होने के बावजूद भूमिगत ऑपरेशन्स से प्रतिवर्ष मिलियन मीट्रिक टन से अधिक की रन-रेट से प्राप्त हुई है। जैसा कि हम इस वर्ष वार्षिक क्षमता १.२ मिलियन मीट्रिक टन करने के लिए अपनी खदान विस्तार कार्यक्रम पूरे कर रहे है तथा हम अपने बाजार स्थिति एवं लागत नेतृत्व को और अधिक मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास करेंगे।‘‘
वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में भूमिगत खदानों में २४५,००० टन खनित धातु का उत्पादन हुआ है जो गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में २४ प्रतिशत अधिक दर्शाता है। यह कंपनी की भूमिगत खदानों रामपुरा आगुचा, सिन्देसर खुर्द और राजपुरा दरीबा में उच्च अयस्क उत्पादन में वृद्धि के फलस्वरूप संभव हुआ है।
कंपनी का वित्तीय वर्ष में भूमिगत खदानों से ९३६,००० टन खनित धातु का उत्पादन हुआ है जो गतवर्ष की तुलना में २९ प्रतिशत अधिक है जो उच्च मात्रा में अयस्क की उपलब्धता के कारण संभव हुआ है।
चौथी तिमाही में २२७,००० टन एकीकृत धातु का उत्पादन तथा १७५,००० टन एकीकृत जस्ता धातु का उत्पादन हुआ है। चौथी तिमाही में ५३,००० टन एकीकृत सीसा धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में ६ प्रतिशत अधिक है। चौथी तिमाही में १९१ एमटी एकीकृत चांदी का उत्पादन हुआ जो इससे पहली तिमाही की तुलना में ८ प्रतिशत तथा गतवर्ष की तुलना में १३ प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान जस्ता-सीसा एवं चांदी की सुद्ढ कीमतों एवं खनित धातु की बिक्री के परिणामस्वरूप ५,४९१ करोड रुपये का राजस्व अर्जित किया है।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान २,७९७ करोड रुपये का ईबीआईटीडीए अर्जित किया है तथा वर्ष के दौरान १०,७४७ करोड रुपये का ईबीआईटीडीए अर्जित किया है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान २,०१२ करोड रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है तथा वर्ष के दौरान ७,९५६ करोड रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
२२ अक्टूबर, २०१८ को हिन्दुस्तान जंक के निदेशक मण्डल ने कंपनी के शेयरधारकों को १००० प्रतिशत विशेष अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की थी जो २ रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर २० रुपये है जो शेयरधारियों को कुल १०,१८८ करोड रुपये (लाभांश वितरण कर सहित) अंतरिम लाभांश दिया है। इस प्रकार विशेष अंतरिम लाभांश को देखते हुए बोर्ड ने इस वर्ष के लिए अंतिम लाभांश की सिफारिश नहीं की है।
वित्तीय वर्ष २०२० तक दोनों, खनित धातु एवं फिनिश्ड धातु का उत्पादन गतवर्ष की तुलना में अधिक है जो लगभग १.० मिलियन मीट्रिक टन होने की संभावना है। इस वित्तीय की दूसरी तिमाही के अंत तक २०१३ में घोषित भूमिगत खदान विस्तार योजना का पूरा हो जाने की संभावना है जिससे खनित धातु की उत्पादन क्षमता १.२ मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष होगी ।
कंपनी में अयस्क भण्डारों एवं संसाधनों के लिए समन्वेषण कार्यकलाप लगातार जारी है । ३१ मार्च, २०१९ को कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार ४०३ मिलियन एमटी रहा, जिसमें ३४.६ मिलियन एमटी जस्ता-सीसा धातु एवं ९६५ मिलियन औंस चाँदी विद्यमान है। खदानों की आयु २५ से अधिक है तथा खदानों में लगातार उत्पादन जारी रहेगा है।
वर्ष के दौरान कंपनी ने ११,५६३ करोड रुपये रॉयल्टिज, कर एवं लाभांश के माध्यम से सरकारी खजाने में योगदान दिया है जो राजस्व का ५२ प्रतिशत है।