हिन्दुस्तान जिंक के ग्रामीण विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत,कृषि आधारित आय को बढाने के उद्ध्ेष्य से जावर क्षेत्र के १३ कोर गाँवों के किसानों को समाधान परियोजना से जोडा गया है ।
वर्तमान मे समाधान परियोजना ं टीडी, अमरपुरा, जावर, रवा, कानपुर, चणावदा, कृष्णपुरा, ओडा, सिंघटवाडा, नेवातलाई, पाडला, रेला और भालडया में अक्टुबर २०१६ से कि्रयान्वित की जा रही है जिसे सहभागी संस्था बायफ संस्थान की विषेषज्ञ टीम द्वारा कि्रयान्वित किया जा रहा है। टीम गाँव-गाँव जाकर किसानो को आवष्यकता आधारित सर्वे कर प्रषिक्षित कर रही है ताकि सभी किसान उन्नत वैज्ञानिक कृषि तकनीक को उपयोग में लेकर अपनी वार्षिक आय बढा सके । वर्षा आधारित फसलों, सब्जी की खेती, वाडी परियोजना में फलो की खेती और दलहन उत्पादन की अलग-अलग गतिविधियों से प्रत्येक किसान को जोडकर लाभान्वित करने की दीर्घकालीन योजना है। जिसमें अब तक जावर माइन्स के आस-पास के कुल १४३५ किसान खेती करने की उन्नत विधि को अपना रहे है। किसानों को समय-समय पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिये जा रह है । उन्नत कृषि के उपकरण दिये जा रहे है । हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना में कृषक शैक्षणिक भ्रमण के तहत जलगाँव- महाराष्ट्र भी ले जाया गया ताकि स्थानीय किसान अन्य राज्यों की उत्कृष्ट कृषि विधियों को जानकर प्रेरित हो ।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना से प्रति वर्ष गेंह और मक्का के उन्नत बीज देकर किसानों को लाइन सोइंग तकनीक द्वारा उत्कृष्ट उत्पादन द्वारा प्रेरित कर लाभान्वित किया जा रहा है और परिणाम स्वरूप सभी चिन्हित किसानों ने परम्परागत खेती के साथ साथ आधुनिक वैज्ञानिक पद्वति से खेती को अपनाया है ।