उदयपुर। जिला कलक्टर नमित मेहता के नेतृत्व में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीया डाबी द्वारा स्वच्छता सम्बन्धी गतिविधियों, ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन कार्य एवं प्रत्यक्ष स्वच्छता के कार्या हेतु स्वच्छता के क्षेत्र में “नवाचार” के रूप में “स्वच्छ ढाणी ऐप“ विकसित किया गया है।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार ‘‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान‘‘ 05 जून से प्रारम्भ किया गया एवं उक्त अभियान का प्रारम्भ करने के साथ ही “स्वच्छ ढाणी ऐप“ को जन सामान्य के उपयोग हेतु लोकार्पित किया गया। इस ऐप का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को प्रभावी बनाना है। यह नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों को एक डिजिटल मंच प्रदान करता है, जहां वे सफाई से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्ट कर सकते हैं और समाधान की निगरानी कर सकते है।
“स्वच्छ ढाणी ऐप“ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित करने हेतु पंचायत समिति गिर्वा एवं गोगुन्दा के विकास अधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत “स्वच्छ ढाणी ऐप“ का प्रशिक्षण दिया गया। तत्पश्चात एक माह तक “स्वच्छ ढाणी ऐप“ को ट्राईल बेसिस पर रखा गया जो कि सफल रहा।
तत्पश्चात उदयपुर एवं सलूम्बर जिले की समस्त पंचायत समितियों के स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी, ब्लॉक समन्वयक एवं दो-दो ग्राम विकास अधिकारियों को “स्वच्छ ढाणी ऐप“ का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण उपरान्त जिले की समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर “स्वच्छ ढाणी ऐप“ का प्रचार-प्रसार किया गया तथा ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने हेतु क्यूआर कोड सार्वजनिक स्थान एवं सरकारी भवनों पर चस्पा करवाए गए तथा ग्रामीणों को इस ऐप के माध्यम से स्वच्छता के संबंध में शिकायत दर्ज करने हेतु बताया गया। ग्रामीणां द्वारा शिकायत दर्ज करने के उपरान्त उस शिकायत का निस्तारण सात दिवस में ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किया जाता है। पंचायत समिति के विकास अधिकारी द्वारा पंचायत समिति मुख्यालय पर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद उदयपुर द्वारा जिला स्तर पर “स्वच्छ ढाणी ऐप“ के डैशबोर्ड की निगरानी की जाती है।
यह हैं स्वच्छ ढाणी ऐप के उद्देश्य
स्वच्छ और हरा-भरा गांव बनाना-कचरा प्रबंधन को सुव्यवस्थित करके साफ-सुथरा पर्यावरण सुनिश्चित करना।
डिजिटल शिकायत प्रणाली- नागरिकों द्वारा सामान्य क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने और उसकी स्थिति ट्रैक करने की सुविधा देना।
प्रभावी प्रशासनिक भागीदारी- विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी को शिकायतों का शीघ्र हल करने के लिए डिजिटल टूल्स उपलब्ध कराना।
रियल-टाइम मॉनिटरिंग-सफाई अभियानों की प्रगति पर नजर रखने के लिए तकनीक का उपयोग करना।
जिला स्तर पर निगरानी- जिला परिषद स्तर से स्वच्छ ढाणी ऐप पर दर्ज शिकायत को ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति द्वारा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की निगरानी करना।
सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना -नागरिकों को सफाई में सहयोग करने और फीडबैक देने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता-लोगों को स्वच्छता बनाए रखने और अपशिष्ट प्रबंधन के सही तरीकों के बारे में शिक्षित करना।