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नवीन तकनीक का उपयोग कर अपनी आमदनी बढ़ाएं - मंत्री भागीरथ चौधरी  

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11 Jun 25
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नवीन तकनीक का उपयोग कर अपनी आमदनी बढ़ाएं - मंत्री भागीरथ चौधरी  

उदयपुर 10 जून। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 29 मई 2025 से 12 जून 2025 तक 15 दिनों के पूर्व-खरीफ विकसित कृषि संकल्प अभियान की परिकल्पना की है। कृषि और कृषि संबन्धित गतिविधियाँ राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान हैं और इसलिए कृषि को विकसित किये बिना विकसित राष्ट्र का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है । यह बात आज उदयपुर जिले की मावली तहसील के पलाना कलां ग्राम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष में चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित कृषक गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कही । उन्होंने कहा कि देश में हर दिन 2000 से अधिक ऐसी टीमें लगभग 6000 गांवों का दौरा कर रही हैं। देश में लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचने की परिकल्पना की गई है। राजस्थान में वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों की 103 टीमें गठित की गई हैं, जो 15 दिवसीय विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम के दौरान 330 ब्लॉक और 3959 गांवों को कवर करेंगी। राजस्थान के सभी 47 कृषि विज्ञान केंद्र इस अभियान मे भाग ले रहे हैं।

 उन्होंने बताया कि पिछले 11 दिनों में राजस्थान में अब तक 4224 गांवों और लगभग 5 लाख किसानों को अभियान के तहत कवर किया गया है। उदयपुर जिले के 164 गांवों में 32,893 किसानों को खरीफ सीजन में होने वाली फसलों की नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी दी गयी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि पलाना कलां को विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम के लिए चुना गया है द्य
उन्होंने कहा कि राजस्थान 3,42,239 वर्ग किमी भौगोलिक क्षेत्र के साथ भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 10.4 प्रतिशत है। इसकी सीमा पांच अन्य भारतीय राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात से लगती है। कुल फसली क्षेत्र 281.71 लाख हेक्टेयर और कुल सिंचित क्षेत्र 125.8 लाख हेक्टेयर है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पानी की कमी और शुष्क परिस्थितियों में विशाल क्षेत्र होने के बावजूद बाजरा, सरसों (आर एंड एम), मूंगफली, सोयाबीन, कपास, जीरा और अन्य बीजीय मसालों और अनार में अग्रणी उत्पादकों में से एक है। राज्य में खजूर का क्षेत्रफल भी दिनों दिन बढ़ रहा है पशुपालन में राज्य ने गौरवान्वित कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि उदयपुर एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां 49 प्रतिशत से अधिक किसान आदिवासी हैं। जिले में 70 प्रतिशत से अधिक किसानों के पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है। बरसात के मौसम में अधिकांश पानी बहकर चला जाता है। समन्वित खेती जिसमें सब्जियां, कम पानी की मांग वाली फसलें, अधिक उपज देने वाली किस्मों का उपयोग, पशुपालन और डेयरी तथा बकरी पालन और मुर्गी पालन शामिल हैं, जो किसानों के लिए सुदृढ कृषि प्रणालियां हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य सरकार और केंद्र सरकार की पीएम-किसान सम्मान निधि सहित कई योजनाएं हैं जिनका उपयोग किसानों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए। किसानों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया कि कंद वाली फसलें जैसे - अदरक, रतालू, हल्दी आदि झाड़ोल एवं कोटड़ा जैसे आदिवासी क्षेत्रों में होती है। उसमें कमी हुई है, प्रति बीघा फायदा ज्यादा है। नवीन तकनीक अपनाते हुए इस का क्षेत्रफल बढ़ाने के जरुरत है। पलाना कलां गाँव -मावली तहसील के गाँव मुगफली उत्पादन के लिये प्रसिद्व था। परन्तु उसमें कमी आयी है। मूगफली अनुसंधान संस्थान की तकनीक नये बीजों के उपयोग से इस क्षेत्र में वापस उत्पादन अधिक किया जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ जय प्रकाश मिश्र डायरेक्ट अटारी जोधपुर ने स्वागत संबोधन दिया। कुलगुरु, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने विश्वविद्यालय के नवीन किस्मों जिनकी उपज बहुत अधिक है के बारे में बताया। राज्य विपणन प्रबंधक इफको जयपुर के डॉ सुधीर मान ने कहां की किसानों को खाद की कमी नहीं आने देंगे पर खाद का उपयोग मिट्टी की जांच के अनुसार करे। अतिरिक्त निदेशक कृषि जयपुर डॉ ईश्वर यादव  ने राज्य सरकार एवं भारत सरकार की योजनाएं के बारे मे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी एवं भूतपूर्व विधायक बद्रीलाल जाट तथा प्रकृति सेल किस किशन चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए । अंत में धन्यवाद डॉ प्रफुल चंद भटनागर  वशिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख विद्या भवन केवीके ने किया


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