उदयपुर : शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि पशुपालन स्वरोजगार एवं पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने का सबसे उपयुक्त माध्यम है। पशुधन के संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास के लिए सम्मिलित प्रयास की आवश्यकता है। ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास पशुपालन से संभव है।
विधायक श्री जैन शुक्रवार को पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पशुपालकों के लिये प्रकाशित पशुपालक कैलेण्डर के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। संस्थान द्वारा पशुपालकों के लिए मानसून से मानसून अर्थात् जून 2025 से मई 2026 तक के केलेण्डर का प्रकाशन किया गया है। विधायक ताराचन्द जैन ने कहा कि पशुपालक स्वदेशी पशुओं की भी उचित देखभाल कर, जिनका कि गुणवत्ता की दृष्टि से उत्पादन उत्तम होता है उसका भी संरक्षण कर अपनी आय वृद्धि का प्रयास करना चाहिए। ताराचन्द जैन ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुपालको को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु किसी भी प्रकार के संसाधनों एवं बजट की कमी नहीं आने दी जायेगी। संस्थान के डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी बताया कि पशुपालक कैलेण्डर में राजस्थान के पशुधन नस्लों की विस्तार से जानकारियां उपलब्ध करवाते हुए प्रत्येक माह पशुपालकों को पशु प्रबंधन के किये जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारियां दी गई। उनके पास उपलब्ध पशुधन से समुचिम आय उत्पन्न करने के उपायों पर जोर दिया जायेगा। डॉ. छंगाणी ने बताया कि संस्थान द्वारा उदयपुर संभाग के चयनित 240 पशुपालकों को उन्नत पशु प्रबंधन पर त्रिदिवसीय आवासीय पशुपालक प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. पदमा मील ने बताया कि प्रथम प्रशिक्षण शिविर 26 मई से प्रारंभ किया जा रहा है जिसमें 30 पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रायोगिक प्रशिक्षण पर ज्यादा जोर दिया जायेगा। प्रशिक्षणार्थियों को पशुपालक कैलेण्डर, पाठ्य पुस्तिका एवं मेडिसिन किट भी वितरित किये जायेंगे।