उदयपुर। उदयपुर में भूपालपुरा में स्थापित मां बगलामुखी मंदिर पर 3 से 5 मई तक वृहद स्तर पर धार्मिक आयोजन होंगे। 5 मई को भव्य भजन संध्या का भी आयोजन होगा।
मंदिर के पुजारी संजय उपाध्याय ने पत्रकारों को बताया कि भूपालपुरा में रोड नंबर डी 1 पर स्थित मां पितांबरा निवास पर समस्त धार्मिक आयोजन होंगे। यहीं पर मां बहलामुखी का मंदिर स्थापित है। श्री उपाध्याय ने बताया कि 3 मई शनिवार को प्रातः सवा सात बजे से विभिन्न धार्मिक आयोजन शुरु हो जाएंगे जो 5 मई तक चलेंगे। 3 मई को सुबह हेमाद्रि स्नान, पंचांगकर्म, श्रीलक्ष्मी गणपति कुंकुंमादि अर्चन एवं मण्डपादि देवता आह्वान पूजन कार्यक्रम होंगे। यह सभी विशिष्ट प्रकार की पूजा होती है जिसे कुशल पंडित ही पूरा करवा सकते हैं। 4 मई रविवार को प्रातः 8 बजे रुद्राभिषेक, देवी बगलामुखी पूजन हरिद्रार्चन, मोदकार्चन होंगे तथा दोपहर यज्ञ आरम्भ होगा जो शाम तक चलेगा। खास बात यह है कि इस यज्ञ के साथ कोई भी व्यक्ति विशेष अभिषेक करवा सकता है जिसकी व्यक्तिगत या घरेलू कोई समस्या है जिसका वह निवारण चाहता है। यज्ञ आचार्य अभिषेक व्यास ने बताया कि मान्यता है कि इस अभिषेक से व्यक्ति की हर परेशानी दूर होती है। यज्ञ में बैठने वाले जजमान को केवल अभिषेक सामग्री साथ लानी होगी। यज्ञ सामग्री आयोजकों द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
अंतिम दिन सोमवार को प्रातः 8 बजे प्रधान देवता हवन के साथ दोपहर के अभिजित मुहूर्त में 12.15 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति होगी तथा महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा। शाम को सवा सात बजे से एक शाम मां बगलामुखी और खाटू श्याम के नाम भव्य भजन संध्या होगी। इसमें प्रख्यात भजन कलाकार माही जोशी, सुभाष गर्ग व कुमार दीप अपने भजनों की प्रस्तुतियों से भक्तिमय माहौल बनाएंगे। श्री उपाध्याय ने बताया कि यह पूरा आयोजन पूज्य गुरुदेव कृष्णानंदजी खाचरोद आशीर्वाद से संपन्न होगा।
उदयपुर में सन् 2000 से मां का मंदिर
श्री उपाध्याय ने बताया कि उदयपुर में मां बगलामुखी माता जी का मंदिर सन् 2000 में स्थापित किया गया था, तभी से यहां नियमित पूजा की जा रही है। साल की दोनों नवरात्रि पर यहां विशेष व अत्यंत कठिन तप वाली पूजा होती है जिसमें लगातार 10-12 घंटे तक बैठकर पाठ इत्यादि होते हैं।
हजारों लोगों की समस्या का निवारण
श्री उपाध्याय ने बताया कि मां बगलामुखी के इस मंदिर में पिछले 24 सालों में हजारों लोगों की समस्याओं का मां के आशीर्वाद से निवारण हुआ है। यहां उदयपुर के अलावा बाहर से भी भक्त आते हैं। प्रति शुक्रवार की शाम को भी यहां समस्या का निवारण होता है।