उदयपुर आचार्य विद्यासागर गुरुभक्त परिवार द्वारा कल संत शिरोमणि विद्यासागर महामुनिराज का 52वां आचार्य पदारोहण दिवस बड़े ही धूम धाम से तरुण सागरम सुख सागर के पास वाले हॉल में मनाया गया। कार्यक्रम संयोजक सम्राट जैन शास्त्री ने बताया की आचार्य विद्यासागर वर्तमान के वर्धमान हैं वो साक्षात समय सार है। उनके चर्या ही चरनानुयोग है उनका प्रवचन ही प्रवचन सार है, आज के ही दिन परम पूज्य ज्ञान सागर महाराज ने आचार्य पद का त्याग कर पूज्य विद्यासागर को अपना गुरु बनाया था और आचार्य पद दिया था। आचार्यश्री की जीवन लोगों के लिय प्रेरणा पुंज की तरह है,उनका जीवन ही आठवें आश्चर्य के रूप में लगता है इस भौतिक युग में भी अपनी कठिनतम चर्या का पालन करते हैं। मोबाइल टीवी कूलर, एसी, पंखा, गाड़ी, मकान, बैंक बैलेंस, मठ आदि कुछ भी अपने पास नही,दिन में एक बार ही भोजन लेना विधि पूर्वक,जमीन पर ही सोना, पैदल ही विहार करना,सर्दी गर्मी बरसात में पिच्छी कमडलू के अलावा साथ में कुछ भी न रखते हुए निर्वस्त्र दिगंबर अवस्था में रहते है,आजीवन दूध,दही, शक्कर,फल,सूखे मेवे,तेल, चटाई,हरी सब्जियां,एवम थूकने का भी त्याग हैं। धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया की आचार्यश्री के आशीष से प्रतिभा स्थली जिसमें 5000 बच्चीया शिक्षित और संस्कार वान हो रही हैं,साथ ही हथघरघा, कैदियों को दया दृष्टि से रोजगार और लगभग 150 गोशाला संचालित हो रही है। धर्म जीवन का आधार है इस विषय पर सिद्धार्थ टाया का सटीक व्याख्यान रखा गया हैं। इस सम्पूर्ण प्रोग्राम में सांगानेर दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति से पधारे सिंगर दीपेश शास्त्री ने चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में चित्र अनावरण विमल गोधा, जिनेंद्र गांगावत आदि ने किया। मंगल कलश स्थापित डॉ ज्योति सपना शाह, ऋतु ठोलिया साधना मेहता,सरोज बोहरा आदि ने किया। साथ ही संपूर्ण प्रोग्राम में महत्व पूर्ण सहयोग अनिल -साधना मेहता, प्रणीत जैन, हेमंत बोहरा,महावीर महिला परिषद अध्यक्ष अर्चना पटवारी,अंजना टाया, गोपाल मेहता आदि का रहा। कार्यक्रम में आदिनाथ महिला मंडल से संपत जैन, श्याम जस्सीगॉत, सौरभ, शशांक, राजेंद्र शाह, राहुल बाकलीबल, अभिषेक, तरुण अग्रवाल, नरेंद्र, भूपति कल्पना गांगावत, गीता लालावत,संगीता डवारा,आशा जस्सी गोत, बबिता संगावत आदि अनेक गणमान्य रहे।