उदयपुर। विज्ञान समिति और डॉ. डी.एस.कोठारी शोध एवं शिक्षा संस्थान द्वारा विश्व अहिंसा दिवस के उपलक्ष्य में एक सर्वधर्म संगोष्ठी का आज विज्ञान समिति परिसर में आयोजन किया गया। जिसमें नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
डॉ डी एस कोठारी संस्थान के प्रबन्ध न्यासी इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ सुरेन्द्र सिंह पोखरणा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अहिंसा से ही हम प्रकृति, धरती एवं मानवता के अस्तित्व को बचा सकते हैं। विज्ञान समिति के कुलप्रमुख डॉ के एल कोठारी ने जैन दर्शन में सकारात्मक अहिंसा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महावीर की भाँति सभी जीवों को प्रेम करना और मन, वचन एवं कर्म से किसी को आहत नहीं करना ही अहिंसा है।
सरदार डॉ.सुजान सिंह ने सिख पंथ में भेदभाव रहित सबके साथ एक समान व्यवहार को अहिंसा बताया। सर्वधर्म मैत्री संघ के फादर राजू ने सबके प्रति क्षमा भाव और सबके प्रति प्रेम को सच्ची अहिंसा बताया। उन्होंने कहा कि यदि हम हमारें भीतर स्थित स्वर्ग के साम्राज्य का साक्षात कर लें तो हिंसा संभव ही नहीं रहेगी।
पहले मुख्य वार्ताकार प्रो. हितेश सोलंकी ने बताया कि युद्ध और हिंसा की विभिषिका का वर्णन करते हुए पर्यावरण, धरती एवं मानवता की रक्षा के एक ही मार्ग अहिंसा है। दूसरे मुख्य वार्ताकार प्रो. रमजान हसानियां ने विचार व्यक्त किया कि मानव की मूल वृत्ति हिंसा है, स्वयं का रूपान्तरण कर अहिंसा अपनाना ही अस्तित्व के लिये एक मात्र विकल्प है।
आभार अभिव्यक्ति डी एस कोठारी संस्थान के महासचिव डॉ महीप भटनागर द्वारा एवं कार्यक्रम संचालन विज्ञान समिति अध्यक्ष डॉ के पी तलेसरा द्वारा किया गया।