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लगातार पेशाव जाने की समस्या (वीवीएफ) से पीड़ित महिला का पीएमसीएच में सफल उपचार

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06 Dec 21
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लगातार पेशाव जाने की समस्या (वीवीएफ) से पीड़ित महिला का पीएमसीएच में सफल उपचार

उदयपुर । पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में वीवीएफ की समस्या से परेशान 64 वर्षीय महिला का सफल ऑपरेशन कर 7 माह से लगातार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाया। इस सफल ऑपरेशन  में यूरोलाजिस्ट एवं रिकन्स्ट्रशनल सर्जन डॉ. हनुवन्त सिंह राठौड,डॉ. क्षितिज राका, डॉ. प्रकाश  औदित्य, डॉ. नवनीत, चन्द्रमोहन शर्मा एवं अनिल भट्ट की टीम का सहयोग रहा।
सिरोही जिले की रहने वाली 64 वर्षीय इस महिला को पिछले 7 माह से लगातार बच्चा होने के रास्ते से पेशाब  आने की शिकायत के चलतें परेशान थी। महिला के पेशाब  की थैली एवं बच्चे के रास्ते के बीच कई छेद हो गए थे जिसके परिणाम स्वरूप उसके सामान्य रास्तें से पेशाब  न आकर लगातार बच्चें के रास्ते सें पेशाब  बहता था। पेशाब  की बदवू और सदैव उसके गीलें होने से स्वयं महिला ही नहीं बल्कि उसके परिजन भी परेशान थें। मेडिकल की भाषा में इस समस्या को वीवीएफ कहतें है। जिसके कारण घर के कामों के साथ साथ कोई भी दूसरा काम करने में असमर्थ थी घर वालो ने भी कई जगह दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। समस्या ज्यादा होने के कारण उसके इलाज के लिए पालनपुर ले गए लेकिन महॅगा इलाज और गरीबी के कारण परिजन इलाज कराने में असमर्थ थे। परिजन उसे पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भीलों का बेदला लेके आए जहा उन्होने यूरोलाजिस्ट एवं रिकन्स्ट्रशनल सर्जन डॉ.ह नुवन्त सिंह राठौड को दिखाया।
डॉ.राठौड ने महिला की सिस्टोस्कापी की तो पाया कि पेशाब  की थैली एवं बच्चें के रास्ता आपस में आठ से दस जगह से जुडा हुआ है जिसका कि आपरेशन  द्वारा ही इलाज सम्भव था। इस तरह के ऑपरेशन  में लगभग तीन से साढे तीन लाख तक का खर्चा आता है लेकिन पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल की पहल पर इस महिला का अत्यन्त ही रियायती दरों पर ऑपरेशन  किया गया।
डॉ. हनुवन्त सिंह राठौड ने बताया कि इस ऑपरेशन  में पेशाब  की थैली और बच्चें के रास्ते को कम्बांइड ऐप्रोच से अलग-अलग किया गया और पेशाब  की थैली में बने रास्तों को पेट के अन्दर ऑतों को कवर करने वाली ओमेन्टम झिल्ली के द्वारा बन्द कर दिया। डॉ.राठौड ने बताया कि मरीज की पेशाब की थैली सिकुड कर बहुत ही छोटी,मात्र 20 से 30 एमएल की रह गई थी अतः ऑपरेशन द्वारा पेशाब की थैली की क्षमता बढाने के साथ साथ वीवीएफ रिपेयर करना आवश्यक था। इस ऑपरेशन में पेशाब की थैली की क्षमता बढाने के लिए छोटी ऑत से करीब डेढ मीटर का टुकडा लेकर नई पेशाब की नई थैली बनाई गई जिसे मेडिकल की भाषा में नियोब्लेडर रिकन्स्ट्रक्षन कहते है। महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
 


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