उदयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम हेतु प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत लिंग परीक्षण संबंधी सूचना प्राप्त होने पर तीन किस्तों में ढाई लाख रुपए तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी लेकिन अब इसे और व्यवहारिक और आकर्षक बनाते हुए सफल डिकॉय ऑपरेशन पर मुखबिर डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किस्तों में कुल 3 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। योजना में निर्धारित ढाई लाख की राशि की पहली किस्त सफल डिकॉय होने पर दूसरी न्यायालय में परिवाद दर्ज होने एवं तीसरी किस्त फैसला आने पर दी जाती थी अब मुखबिर को गर्भवती महिला एवं सहयोगी को पहली किस्त सफल डिकॉय होने एवं दूसरी किस्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जाएगी।
गर्भवती महिला को अब दो किस्तों में डेढ़ लाख रुपए
डिकॉय ऑपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका गर्भस्थ शिशु की जोखिम एवं गर्भवती महिला की परेशानी को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गई है पहले गर्भवती महिला को तीन किस्तों में कुल एक लाख रुपये की राशि दी जाती थी अब उसे दो किस्तों में कुल डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी। साथ ही पूर्व में मुखबिर को तीन किस्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त सहयोगी को 16 हजार 625 प्रति किस्त मिलते थे लेकिन अब मुखबिर को दो किस्तों में 50-50 हजार रुपये एवं सहयोगी को 25-25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
डॉ. खराड़ी ने आमजन से भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम में सहयोग करने एवं इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 104, 108 एवं व्हाट्सएप नंबर 9799997795 पर देने की अपील की है