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जनजाति कला-संस्कृति संरक्षण के लिए नेटवर्क बनाकर कार्य करना जरूरी - डॉ. किरण सोनी गुप्ता

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24 Jun 21
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जनजाति कला-संस्कृति संरक्षण के लिए नेटवर्क बनाकर कार्य करना जरूरी - डॉ. किरण सोनी गुप्ता


उदयपुर, भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की निदेशक डॉ. किरण सोनी गुप्ता ने कहा है कि जनजाति बहुल दक्षिण राजस्थान की कला-संस्कृति अनूठी है, इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए नेटवर्क बनाकर कार्य करना जरूरी है तभी इसके वैशिष्ट्य और गौरव को हम उच्च स्तर तक पहुंचा सकते हैं।
डॉ. गुप्ता गुरुवार को यहां आकाशवाणी केन्द्र में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र अपनी विविध गतिविधियों के माध्यम से देशभर की कला-संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहा है और लॉकडाउन अवधि में भी जनजाति कलाओं के साथ पिछवाई कला के डॉक्यूमेंटेशन संबंधी कार्य किया गया है। उन्होंने कलाओं के संरक्षण-संवर्धन की दृष्टि से वेस्ट जोन के साथ-साथ आकाशवाणी और लोक कला मंडल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की और इस दिशा में समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया।  
ट्राईबल म्यूजि़यम की स्थापना के होंगे प्रयास:
डॉ. गुप्ता ने कहा कि जनजाति अंचल की कला, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए भोपाल ट्राईबल म्यूजि़यम की तर्ज पर उदयपुर संभाग में भी ट्राईबल म्यूजि़यम स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस म्यूजि़यम के माध्यम से बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ क्षेत्र की जनजाति कला सर्जनाओं, वेशभूषा, शिल्पाकृतियों व चित्रों इत्यादि को प्रदर्शित करने के साथ-साथ इनका संरक्षण-संवर्धन किया जा सकता है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पं.जनार्दनराय नागर डिम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि विश्वविद्यालय इस अंचल की कला-संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र व आकाशवाणी से जुड़कर कार्य करने का इच्छुक है। उन्होंने इस कार्य के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात भी कही।
इस मौके पर आकाशवाणी के निदेशक राजेन्द्र नाहर ने रेडियो के माध्यम से लोक-कलाओं और कलाकारों को दिए जा रहे संबल की जानकारी दी तथा लॉकडाउन से कला व कलाकारों पर आये प्रभाव को उद्घाटित किया।
भारतीय लोक कला मंडल के निदेशक लईक हुसैन व जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने भी जनजाति अंचल की लुप्तप्राय कलाओं व सांस्कृतिक विविधताओं व परंपराओं को संरक्षित कर इसके गौरव को उद्घाटित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।  
संगोष्ठी में स्वागत उद्बोधन देते हुए आकाशवाणी के कार्यक्रम प्रमुख महेन्द्रसिंह लालस ने डॉ. गुप्ता द्वारा अपने कार्यकाल में बतौर चित्रकार कलाओं को संरक्षण देने के प्रयासांे के बारे में बताया और कहा कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र को इनके कलाकौशल का लाभ ही मिलेगा।  
संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ उद्घोषक दीपक मेहता ने किया। इस दौरान पर्यावरणप्रेमी डॉ. स्वाति शकुंत और आकाशवाणी के कार्मिक मौजूद रहे।
आकाशवाणी में पौधरोपण:
भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की निदेशक डॉ. किरण सोनी गुप्ता और पं.जनार्दनराय नागर डिम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने गुरुवार को आकाशवाणी केन्द्र में पौधरोपण किया। इस दौरान अतिथियों ने यहां चम्पा के पौधों का रोपण किया। आकाशवाणी निदेशक राजेन्द्र नाहर ने इस मौके पर अतिथियों को आकाशवाणी परिसर को हरितिमायुक्त करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया। कार्यक्रम में भारतीय लोक कला मंडल के निदेशक लईक हुसैन, जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, कार्यक्रम प्रमुख महेन्द्रसिंह लालस, डॉ. स्वाति शकुंत, दीपक मेहता आदि ने भी पौधरोपण किया।


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