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शिक्षा ऐसी हो जिससे देवत्व की जागृति हो- प्रो. सारंगदेवोत

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28 Jan 21
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शिक्षा ऐसी हो जिससे देवत्व की जागृति हो- प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर,  जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विवि के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के बीएड के विधाार्थियों को गुणवत्ता शिक्षा नयी शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जिससे विद्यार्थियों में देवत्व की जागृति हो योग्य नागरिक का निर्माण करने में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है, विद्यार्थी हमेशा सकारात्मक चिंतन के साथ मैं उत्तम हॅू, मैं सर्वश्रेष्ठ हॅू, ईश्वर के प्रति आभार, मैं विजेता हॅू, और मेरा दिन यादगार रहेगा इस तरह के पांच उद्देश्य संकल्पों के साथ जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने नयी शिक्षा नीति के बारे में कहा यह बहुत अच्छी है, लेकिन इसे सही से क्रियान्वित करने की जरूरत है, देश में डिग्री आधारित शिक्षा की नही, बल्कि ग्रामीण आधारित व्यावसायिक शिक्षा की जरूरत है। समाज, राज्य और देश की सभी समस्याओं का हल शिक्षा से ही संभव है शिक्षा का दायित्व केवल शिक्षक पर न हो कर परिवार, समाज व प्रदेश पर भी है। जब ये चारों कडिया मिलेगी तब ही शिक्षा व्यवस्था का रूप उन्नत हो कर निखरेगा। वर्तमान शिक्षा को रोजगार परख शिक्षा के साथ साथ आत्मानुशासन और आत्मानुभूति की शिक्षा बनाने की जरूरत है जिससे शिक्षा का वास्तविक रूप पूर्ण होगा। उन्होने कहा कि वर्तमान समाज में शिक्षक भूमिका एक उपदेशकर्ता की नहीं वरन् यथार्थवादी होनी चाहिए क्योकि उपदेश काल्पनिक समाज का निर्माण करते है केवल उपदेशों से सामाजिक समरसता की स्थापना नही हो सकती, गुरूकुल परम्परा से ही सामाजिक समरसता की स्थापना संभव है। प्रारंभ में  प्राचार्य डॉ. शशि चितौडा ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्र स्वयं में आत्म विश्वास, एकाग्रता व पढाई में लगनशीलता रखे। गांधीजी के आदर्श, विचारों, मूल्यों एवं उनके सत्य के प्रयोग एवं मानवजीवन में अहिंसा के माध्यम से वसुदेव कुम्बकम की भावना को जागृत करने का संदेश देती है। बीएड़ प्रभारी,  डॉ. रचना राठोड, प्रो. सरोज गर्ग, सहायक कुलसचिव सुभाष बोहरा, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. अमी राठोड, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. संतोष लाम्बा, डॉ. अमीत दवे, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ0 सरिता मेनारिया, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. ममता कुमावत, डॉ.गुणबाला आमेटा, अमित बाहेती, इन्दुबाला आचार्य सहित छात्र छात्राअेां ने भाग लिया। संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया।


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