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रात्रीकालीन कफ्र्यू हटने का लाभ मिल खादी व्यापारियों को  ं

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21 Jan 21
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रात्रीकालीन कफ्र्यू हटने का लाभ मिल खादी व्यापारियों को  ं

उदयपुर,  राज्य कार्यालय खादी एवं ग्रामोद्योग भारत सरकार के संयोजन में अम्बेडकर विकास समिति चोमूं द्वारा नगर निगम के टाऊनहॉल प्रांगण में चल रही राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में आमजन को हर हालत में कोरोना गाइडलाईन का पालन करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।  
रामजीलाल ने बताया कि रात्रिकालीन कफ्र्यू का हटना और दुकानों को खुली रखने का समय
बढ़ाना यह व्यापारियों के लिए हितकारी साबित हो रहा है। अगर समय नहीं बढ़ता तो खादी मेले में उम्मीद के मुताबिक बिक्री का होना मुश्किल सा लग रहा था। आमजन को मेल में बिना मास्क के प्रवेश ही नहीं करने दिया जा रहा है। मेलार्थियों को कोरोना गाईडलाईन का पालन करने हेतु समय-समय पर सावचेत किया जा रहा है।  
मेला संयोजक डॉ. संगीता वर्मा ने बताया कि लोकडान ओर कोरोनाकाल के कारण खादी का व्यापार लगभग ठप सा हो गया था। कोरोनाकाल से पहले खादी की बिक्री साल की लाखों में हो जाती थी लेकिन कोरोनाकाल में यह सैंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। ऐसे में उदयपुर में खादी मेले का लगना खादी व्यापारियों को जीवनदान मिलने जैसा है। उन्हें उम्मीद है कि अब खादी के व्यापार में भी तेजी आएगी।  
खादी ग्रामोद्योग भण्डार के गोविन्दसिंह ने बताया कि उनके पास ऊनी खादी, सूती खादी, पोलो खादी एवं रेशमी खादी, विभिन्न प्रकार की शॉलें जिनमें महिला एवं पुरूष दोनों के लिए अलग- अलग रंगों एवं डिजाईनों में विभिन्नतरह के उत्पाद उपलब्ध है जिन्हें उ खूब पसन्द किया जहा रहा है। इनके अलावा धोती, लूंगी, जाकिट क्लॉथ, सूजी साड़ी, आसन, रजाई क्लॉथ, डस्टर क्लॉथ, टॉवेल, कुर्ता आधा आस्तीन एवं पूरी आस्तीन का, पायजामा, बेडशीट में सिंगल एपं डबल दोनों, खेश (ओढने का चद्दर) उपलब्ध है जो हर बार की तरह इस बार भी जनता पसन्द कर रही है।  इनके साथ ही विभिन्न प्रकार की दरियां, दरी पट्टी, रैजा, ऊनी खादी में विभिन्न स्टॉल, पोली खादी के कुर्ते पायजामे, धोती एवं शारंगी भी अच्छी बिक रही है।


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