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होम्योपेथी चिकित्सा पद्धति गंभीर व असाध्य रोगो के इलाज में कारगर - कर्नल प्रो. सारंगदेवोत

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22 Oct 20
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होम्योपेथी चिकित्सा पद्धति गंभीर व असाध्य रोगो के इलाज में कारगर - कर्नल प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर,  जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के संघटक होम्योपेथी चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से गुरूवार को न्यूरो एनाटामी व न्यूरो साईंस पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि होम्योपेथी सस्ती इलाज पद्धति है जिसमें गरीब से लेकर मध्यम श्रेणी के लोग इलाज कराते है। इस पद्धति से असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है। उन्होने कहा कि स्ट्रोक और लकवा का अटेक होने पर अगर चार घंटे के भीतर रोगी को अस्पताल पहुुंचा दिया जाये तो होम्योपेथी चिकिम्सा पद्धति द्वारा रोगी को ठीक किया  जा सकता है। प्राचार्य डॉ. अमिया गोस्वामी ने बताया कि होम्योपेथी के अंदर न्यूजो एनोटामी की बहुत उपयोगिता है क्योकि होम्योपेथी की दवा मस्तिष्क पर आधारित होती है। मुख्य वक्ता डॉ. बाली शर्मा ने बताया कि लकवा का अटेक ठीक से नींद नही आना कई बिमारियों की वजह हो सकती है आम तौर पर यह बीमारी रात में काम करने वाले लोगों व चालकों में पायी जाती है। डॉ. रोजारियों ने कहा याददाश्त खो जाने का मुख्य कारण ब्रेन का सुख जाना, थाइराइड को होना, बिटामिन बी12, बिटामिन डी 01  की कमी होना है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को स्वयं अपना बचाव करना होगा और डाक्टर की सलाह लेकर दवाई लेनी होगी। समन्वयक डॉ. नवीन विश्नोई, डॉ. राजन सूद, डॉ. बबीता सुद, डॉ. लीली जैन, डॉ. अजीता रानी, डॉ. प्रियंका कोठारी, डॉ. नाजिमा परवीन, ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


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