उदयपुर । भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक अशोक सिंघवी ने कहा है कि उदयपुर में बुधवार को यूथ कांग्रेस की ओर से निकाली गई किसान आक्रोश रैली महज कांग्रेस का ड्रामा था, उसमें किसान कम और कांग्रेस कार्यकर्ता नजर आए। कई कांग्रेस पदाधिकारी अपनी लग्जरी गाडिय़ों में नजर आए। और तो और रैली के दौरान कोरोना महामारी से बचाव की चिंता किसी में भी नजर नहीं आई। यहां तक कि मीडिया से बातचीत के दौरान यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित उनके अगल-बगल में खड़े स्थानीय कार्यकर्ताओं के मास्क भी गले में नजर आए न कि चेहरे-नाक पर। ऐसे में प्रशासन को इन पर महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही करनी चाहिए।
सिंघवी ने बुधवार शाम को जारी वक्तव्य में कहा कि यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा किसान बिल को पढ़े बिना ही सिर्फ विपक्ष में रहने के कारण विरोध की परम्परा को निभाने के कर्तव्य की इतिश्री की गई है। केन्द्र की मोदी सरकार के विरोध में किसान हितेषी बिल को भी कांग्रेस किसान विरोधी बिल बता रही है जबकि यह बिल स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है जिस रिपोर्ट का कांग्रेस भी अपनी सरकार में समर्थन करती रही है।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि रैली में ग्रामीण व शहरी किसानों की संख्या के मुकाबले कांग्रेस कार्यकर्ता ज्यादा नजर आ रहे थे, जबकि कई स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने रैली से दूरी बनाए रखी, जो संभवत: किसान बिल को समझ रहे होंगे। कोरोना को लेकर दो गज दूरी भले ही नजर नहीं आई, लेकिन कांग्रेस की स्थानीय राजनीति में फुटाव फिर नजर आया।
भाजपा विधि प्रकोष्ठ के ग्रामीण जिला संयोजक विजय ओस्तवाल, शहर जिला संयोजक भानु भटनागर, जिला सहसंयोजक जितेन्द्र जैन, चंद्रभान सिंह, चंद्रवीर सिंह, दिनेश गुप्ता, कमलेश दाणी, महेश बागड़ी, महेन्द्र नागदा, राकेश लोढ़ा, हितेष वैष्णव आदि ने भी इस रैली को कांग्रेस का ड्रामा करार दिया है।