उदयपुर / जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय) के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक महाविद्यालय के 55वें स्थापना दिवस पर डबोक परिसर में पौधारोपण अभियान में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, प्राचार्य प्रो. शशि चितौडा, प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. रचना राठोड, डॉ. वृंदा शर्मा, सहायक कुल सचिव सुभाष बोहरा, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. अमी राठोड, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. रचना राठोड, डॉ. संतोष लाम्बा, डॉ. अनिता चितौडा, डॉ. सरिता मेनारिया, डॉ. रोहित कुमावत,, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ. रेणु हिगंड, डॉ. शाहिद कुरैशी, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत सहित कार्यकर्ताओं ने एक एक फलदार एवं छायादार पौधा लगा कर किया। प्रारंभ में अतिथियों द्वारा संस्थापक पं. नागर व मॉ सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण तथा 55 दीप प्रज्जवलित कर स्मरण किया तथा विद्यापीठ के उत्तरोतर विकास में पूर्ण सहयेाग का संकल्प लिया। कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने प्रकृति व पर्यावरण पर आयोजित व्याख्यानमाला में कहा कि धरती हमारी जननी है इसकी भी अपनी पीड़ा है इस पीड़ा को यदि हम नहीं समझेंगे तो यह धरती हमें पीड़ा देगी। ग्लोबल वार्मिंग, बाढ़, अकाल और अनेक प्राकृतिक आपदा आये दिन हमें रूला रही है यह धरती की पीड़ा ही तो है। हमें प्रकृति के प्रति अपने दायित्वों को समझने की, और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और संरक्षण करने की जरूरत है। पर्यावरण के संकट को ध्यान में रखते हुए आज जरूरत इस बात की है कि पर्यावरण शिक्षा को स्कूलो एवं कॉलेजों में इस तरह समाहित किया जावे कि पर्यावरण के प्रति समाज में एक अनूकूल रवैया तैयार हो सके। आज विश्व भर में पर्यावरण को लेकर चिंता बनी हुई है इसके लिए आम जन को इसके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करने होगे तभी हमारी विरासत में मिले पर्यावरण को भावी पीढी के लिए सुरक्षित रख सकेंगे। प्रकृति स्वस्थ रहेगी तभी हम भी स्वस्थ एवं सुरक्षित रह सकेंगे। इसके लिए अधिक से अधिक पेड लगाये एवं जल एवं पर्यावरण दोनो का संरक्षण करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक दिन विद्यापीठ के ग्रामीण अंचलों मे चल रहे जनभारती केन्द्र, प्रतापनगर परिसर, डबोक परिसर एवं श्रमजीवी महाविद्यालय परिसर एवं अन्य संचालित विभागों में पौधारोपण कर आगामी 30 दिनों मेे विद्यापीठ के द्वारा करीब 1000 पौधे लगाये जोयेंगे। समारोह का संचालन डॉ. पल्लव पांडे ने किया।